इंदौर, मध्यप्रदेश। आज इंदौर में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने सरकार को घेरा। वहीं शोभा ओझा ने मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज को पत्र भी लिखा है। पत्र में मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कही ये बात...
अपने पत्र में शोभा ओझा ने लिखी ये बात-
अपने पत्र में शोभा ओझा ने लिखा कि, उपरोक्त विषयांतर्गत मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि, राज्य महिला आयोग की संवैधानिक रूप से गठित कार्यकारिणी को भंग करने का प्रयास कर, उसे न्यायालयीन प्रक्रियाओं में उलझा कर, आपकी सरकार ने हजारों महिलाओं को न्याय से वंचित करने का अन्यायपूर्ण व अक्षम्य कार्य किया है। राजनीतिक स्वार्थों की खातिर महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों की बलि चढ़ाने का जो पाप आपकी सरकार ने किया है, वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
आगे शोभा ओझा ने लिखा- अधिनियम-1995 की धारा-3 के तहत मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग जो महिलाओं के शुभचिंतक, परामर्शदाता, मित्र, शिक्षक तथा श्रोता के रूप में कार्य करने के लिए एक संवैधानिक निकाय के रूप में गठित किया गया था, उसे अधिकार विहीन, शक्तिहीन और पंगु बनाने की आपकी सरकार की कोशिशें "बेटी बचाओ" और "नारी सुरक्षा" जैसे आपके ही नारों के खोखलेपन और वास्तविक मंशा को उजागर कर रहे हैं। इन परिस्थितियों में, मैं महिला आयोग के एक ऐसे अशक्त मुखिया की भूमिका में हूं, जिसके सारे अधिकार छीन लिए गए हैं। मैं चाह कर भी महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों के लिए कुछ नहीं कर पा रही हूं।
इस पत्र को ही मेरा इस्तीफा समझें : शोभा ओझा
शोभा ओझा ने कहा कि, लिहाजा मैं आयोग के अध्यक्ष पद की संवैधानिक बाध्यताओं को त्याग कर उन्मुक्त और खुले मन से पीड़ित, शोषित और दमित महिलाओं की व्यथा और वेदना को स्वर देने के अपने संघर्ष को अन्य मंचों से जारी रखने का संकल्प और पवित्र उद्देश्य लिए अपने पद से इस्तीफा देना चाहती हूं। कृपया इस पत्र को ही मेरा इस्तीफा समझें।
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