Swachh Survekshan 2023 सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

Bhopal : स्वच्छता के कामों में कसर, इसलिए नए सर्वे में कठिन होगी भोपाल की डगर

भोपाल, मध्यप्रदेश : स्वच्छता सर्वेक्षण की सलाहकार संस्था केपीएमजी हर साल की तरह इस साल भी भोपाल को देश का नंबर वन शहर बनाने के सपने अधिकारियों को दिखा रही है। लेकिन ऐसा होना मुश्किल लग रहा है।

Irshad Qureshi

भोपाल, मध्यप्रदेश। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में नगर निगम भोपाल भारी चुनौतियों का सामना करने वाला है। बीते दो साल पहले जो काम धरातल पर शुरू हुए थे, वह अब तक पूरे नहीं हो सके है। वहीं रोजाना की साफ-सफाई में भी कोई खास प्रगति नहीं हो सकी है। इसके अलावा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का दायरा पूरे शहर तक नहीं पहुंच सका है। ऐसे में सर्वे के नए पैरामीटर पर खरा उतरना मुश्किल होगा। हालांकि स्वच्छता सर्वेक्षण की सलाहकार संस्था केपीएमजी हर साल की तरह इस साल भी भोपाल को देश का नंबर वन शहर बनाने के सपने अधिकारियों को दिखा रही है। लेकिन ऐसा होना मुश्किल लग रहा है।

दरअसल स्वच्छता सर्वेक्षण में बीते 6 सालों से इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर और नंबर वन पायदान पर आ रहा है। हालांकि वर्ष 2017 में भोपाल देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर बनकर उभरा था। लेकिन इसके बाद के सालों में भोपाल के नंबर घटते गए। अब एक बार फिर निगम के सामने चुनौतियां खड़ी होने वाली हैं, जिससे शहर स्वच्छता में फिर पिछड़ सकता है। इसकी वजह स्वच्छ भारत मिशन की परीक्षा कठिन हो गई है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन से लेकर प्लास्टिक वेस्त मैनेजमेंट के नंबर बीते सालों की तुलना बढ़ गए हैं। इसके अलावा निगम बीते दो सालों से निगम तीन बड़े प्रोजेक्ट तैयार करने का दावा कर रहा था, वह अब तक पूरे नहीं हो सकें हैं। यह प्रोजेक्ट आदमपुर छावनी में तैयार हो रहे हैं।

15 एकड़ में बन रहा है प्लांट :

आदमपुर छावनी में 15 एकड़ एरिया में एनटीपीसी प्लांट लगाया जाना है। अभी इसका काम 5 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है। वहीं 9.5 एकड़ में बायो सीएनजी प्लांट लगाया जाना है। यह काम भी बंद है। हालांकि निगम का दावा है कि जनवरी तक हर हाल में प्लांट लग जाएंगे। बाकी काम भी अगले साल पूरे हो जाएंगे। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि वर्ष 2023 में भी काम पूरा होना मुश्किल है।

कचरा कलेक्शन के नंबर बढ़े :

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के नए पैरामीटर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के नंबर बढ़ गए हैं। पहले इसके 10 नंबर थे, जो बढ़कर 13 हो गए हैं। ऐसे ही प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के नंबर 2 से बढ़कर सीधे 10 प्रतिशत हो गए हैं। इसमें जीरो वेस्ट इवेंट को बढ़ावा देने के लिए 90 अंक हैं। इसके तहत निगम को इवेंट की बुकिंग में छूट देना होगी। तब 20 अंक मिलेंगे। वहीं लोगों के बीच संवाद के लिए 15 नंबर इवेंट की मदद के लिए 15 नंबर मिलेंगे। वर्ष 2021 में निगम ने जीरो वेस्ट शादी में सहयोग किया था। ऐसे ही एक कार्यक्रम हर हाल में आयोजित करना होगा। तब 40 नंबर मिल सकेंगे।

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