हाइलाइट्स :
मंत्रालय में लगाई गई 14 दिवंगत मुख्यमंत्रियों की प्रतिमा।
सीएम ने कहा, यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं।
मुख्यमंत्रियों की स्मृति को बनाए रखने के लिए इन प्रतिमाओं को लगाया गया है।
भोपाल, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के निर्माण में पूर्व मुख्यमंत्रियों का अतुलनीय योगदान रहा है। राजनीति से हटकर प्रदेश की प्रगति और विकास में सभी मुख्यमंत्रियों ने अपनी अहम भमिका का निर्वाह किया है। मैं सभी पूर्व दिवंगत मुख्यमंत्रियों के चरणों में श्रद्धा सहित प्रणाम करता हूं। यह बात मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिवंगत 14 पूर्व मुख्यमंत्रियों की अर्द्धप्रतिमाओं का अनावरण कार्यक्रम में कही। सीएम चौहान ने कार्यक्रम में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के योगदान के बारे में भी बताया।
सीएम चौहान ने कहा, मध्यप्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को हुआ। मध्यभारत, महाकौशल आदि को मिलकर मध्यप्रदेश बनाया गया। कई भाषा, बोली और संस्कृति के सम्मिश्रण से हमारा मध्यप्रदेश बना। 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बना लेकिन मुझे प्रसन्नता है कि, इस नवम्बर को मध्यप्रदेश के गठन के 67 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। एक लम्बी मंजिल हमने तय की है। इस विकास में सभी मुख्यमंत्रियों का योगदान है कोई एक व्यक्ति विकास का श्रेय नहीं ले सकता।
सीएम ने आगे कहा, सभी ने अपनी-अपनी भूमिका का निर्वाह किया। इसलिये जब ये नया हिस्सा मध्यप्रदेश में जोड़ा गया तब मेरे मन में यह भाव आया कि, कई मुख्यमंत्री इस प्रदेश के विकास में भागीदार रहे हैं। मुख्यमंत्रियों की स्मृति को बनाए रखने के लिए इन प्रतिमाओं को लगाया गया है। एक नवम्बर को मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस पर इन मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाओं पर पुष्प अर्पित किये जाएंगे। ये केवल मुख्यमंत्रियों की मूर्तियां नहीं है, ये उनके योगदान को हमारा नमन है। हर एक मुख्यमंत्री ने कुछ न कुछ विशिष्ट जरूर किया है।
दिवंगत 14 पूर्व मुख्यमंत्रियों में स्वर्गीय पंडित रविशंकर शुक्ल, स्वर्गीय भगवंत राव मंडलोई, स्वर्गीय कैलाश नाथ काटजू, स्वर्गीय द्वारिका प्रसाद मिश्र, स्वर्गीय गोविन्द नारायण सिंह, स्वर्गीय राजा नरेश चन्द्र सिंह, स्वर्गीय श्यामाचरण शुक्ल, स्वर्गीय प्रकाश चन्द्र सेठी, स्वर्गीय कैलाश चन्द्र जोशी, स्वर्गीय वीरेन्द्र कुमार सखलेचा, स्वर्गीय सुन्दरलाल पटवा, स्वर्गीय अर्जुन सिंह, स्वर्गीय मोतीलाल वोरा एवं स्वर्गीय बाबूलाल गौर के ब्रॉन्ज मॉडल (अर्धप्रतिमाएं) मंत्रालय प्रांगण में वरिष्ठता अनुक्रम में स्थापित किए गए हैं।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।