ग्वालियर, मध्य प्रदेश। उपचुनाव में मंगलवार को ग्वालियर जिले की तीन विधानसभाओं में वोटिंग की जायेगी। रविवार शाम से प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी गई और अब मौहल्लों में जाकर प्रत्याशी समर्थक वोट मांगने के लिए आपसी चर्चा कर रहे हैं। लेकिन जिस तरह से भाजपा प्रत्याशी एवं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तथा कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा के बीच खीचंतान चल रही है उससे चुनाव में झगड़ा होने की संभावना प्रबल हो गई है। कांचमिल में गतरात्रि दोनों नेताओं की समर्थकों में मारपीट हुई है और अब मामला पुलिस तक पहुंच गया है। दोनों तरफ से ग्वालियर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उपनगर ग्वालियर की कुछ पोलिंगें संवेदनशील बनी हुई हैं जिन पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। सोमवार रात को भी झगड़े की संभवना बनी हुई है।
उपनगर ग्वालियर के भाजपा एवं कांग्रेसी समर्थक कार्यकर्ताओं के बीच झगड़े शुरू हो गए हैं। चुनाव प्रचार के साथ ही मुहंवाद की स्थिति बन गई और वोटिंग से पहले हाथा पाई भी शुरू हो गई है। कांच मिल इलाकें में सवर्णों के अधिक वोट हैं और लोग दो फाड़ हो गए हैं। पिछले चुनावों में जिन लोगों ने भाजपा का समर्थन किया था वह कांग्रेसी समर्थक बन गए हैं और जिन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया था वह भाजपा का झण्डा उठाए हुए हैं। यही वजह है कि आपसी रंजिस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। रविवार रात को कांचमिल इलाकें में शराब एवं पैसे बंटने की सूचना पर दोनों पक्षों के लोग मौक पर पहुंचे थे जिससे मारपीट की स्थिति निर्मित हो गई। कांचमिल से बाहर के लोगों ने जब गाली गलौच की तो स्थानीय लोगों ने मारपीट कर दी। बड़े बुजुर्गों की समझाईश पर मामला शांत हो गया लेकिन सोमवार सुबह फिर से मुहंवाद हो गया और फिर सरिए एवं डंडो से मारपीट हो गई। इसके बाद दोनों पार्टियां एसपी के पास पहुंची और एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। एसपी के निर्देश पर हजीरा थाने में दोनों तरफ से एफआईआर कराई गई। मौके पर कांग्रेसी पार्षद एवं भाजपा समर्थकों के बीच मुंहवाद हो गया और उसी समय वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया। इस मामले में चुनाव के बाद पुलिस जांच कर कार्यवाही करेगी।
चार शहर का नाका, गदाईपुरा एवं किलागेट भी संवेदनशील :
मारपीट एवं हंगामे के लिए बदनाम रहे उपनगर ग्वालियर में पिछले 15 सालों से शांति पूर्ण तरीके से मदतान होता आया है। लेकिन इस बार के चुनाव में आपसी रंजिस बढ़ती नजर आ रही है। इसका कारण यह है कि जो कार्यकर्ता पहले कांग्रेस का झण्डा उठा रहे थे वह अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। इस बात को कांगे्रसी कार्यकर्ता हजम नहीं कर पा रहे। चूंकि पिछले चुनावों में सबने साथ में काम किया था और इस बार दोनों अलग-अलग पार्टी का प्रचार कर रहे हैं इसलिए रंजिश हो रही है। कांचमिल के साथ चार शहर का नाका, गदाईपुरा एवं किलोगेट क्षेत्र भी बहुत संवेदनशील है। पुलिस ने शाम से ही इन पोलिंग बूथों की व्यवस्था संभाल ली है। जहां भी हंगामे की सूचना मिल रही है वहां पुलिस मौके पर पहुंचे कर असमाजिक तत्वों को गिरफ्तार कर रही है।
सीआरपीएफ के जवानों से दहशत :
संवेदनशील इलाके में पुलिस कर्मियों से किसी को डर नहीं है। लेकिन सीआरपीएफ के जवानों की दहशत अवश्य बनी हुई है। चूंकि पुलिस कर्मी नेता एवं पुलिस अधिकारियों की सिफारिश पर छोड़ देते हैं, लेकिन सीआरपीएफ के जबाव मौके पर ही जमकर कूट देते थे और किसी की सिफारिश नहीं सुनते। चूंकि सीआरपीएफ जवानों स्थानिय लोगों की जान पहचान के नहीं होते इसलिए वह रहम भी नहीं करते।
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