सिंगरौली, मध्यप्रदेश। वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल में राज्य विद्युत नियामक आयोग के आदेश की लगातार अवहेलना करना बिजली कम्पनियों के लिए भारी पड़ गया। हाल में दिए एक फैसले में आयोग ने इसे आदेश की अवहेलना मानते हुए तीनों बिजली कम्पनियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। आयोग ने इस मामले में पावर मैनेजमेंट कंपनी को भी जिम्मेवार माना है।
बिजली कम्पनियों पर जुर्माने का आदेश किया पारित
इस संबंध में, आयोग ने लम्बे समय से बिजली कम्पनी कर्मचारियों के लिए पेंशन व्यवस्था की मांग के लिए प्रयासरत विधुत मंडल अभियंता संघ की अवमानना याचिका में सुनवाई के बाद बिजली कम्पनियों पर जुर्माने का आदेश पारित किया है। विद्युत मंडल अभियंता संघ के पदाधिकारी सूत्रों की ओर से यह जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि संघ की ओर से कर्मचारियों व अधिकारियों को पेंश व्यवस्था के लिए आयोग में वर्ष 2018 में याचिका दाखिल की गई। इसके बाद आयोग ने इसी वर्ष कर्मिकों को पेंशन के लिए फंड बनाने का बिजली कम्पनियों व पावर मैनेजमेंट कंपनी को आदेश दिया। कम्पनियों को इस फंड में 120 करोड़ रुपए जमा करने थे। इसके साथ ही इस फंड में हर वर्ष एक तय राशि भी जमा करने के लिए कहा गया। मगर कई कारण बताकर बिजली कम्पनियों ने यह फंड नही बनाया। इसी आधार पर आदेश की पालना नहीं होने को लेकर संघ ने फिर याचिका लगाई।
बिजली कम्पनियों को जुर्माने की राशि एक माह में करनी होगी अदा
इसी याचिका पर आयोग ने बिजली कम्पनियों पर जुर्माना लगाने की करवाई की है। इसके साथ ही आयोग ने तीनों बिजली कम्पनियों को पेंशन फंड में वर्ष 2017-18 से लेकर 2020-21 तक की अवधि के 750 करोड़ रुपए जमा करने के लिए पाबंद किया है। आदेश के अनुसार बिजली कम्पनियों को जुर्माने की रकम एक माह में जमा करानी होगी।
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