सिंगरौली : पानी हुआ जहरीला। राज एक्सप्रेस, संवाददाता।
मध्य प्रदेश

Singrauli : महावीर कोल वॉशरी के मलबे से रहवासी परेशा

सिंगरौली, मध्य प्रदेश : बताया जाता है कि कोल वॉशरी प्रबंधन द्वारा प्लांट से कोल का मलबा और खतरनाक रसायन बहाये जाने के कारण नदी का पानी दूषित हो गया है।

Author : राज एक्सप्रेस

सिंगरौली, मध्य प्रदेश। गोरबी चौकी के नौढ़ीया में स्थिति महावीर कोल वॉशरी के मलबे से निकलने वाला पानी जहरीला हो गया है। बताया जाता है कि कोल वॉशरी प्रबंधन द्वारा प्लांट से कोल का मलबा और खतरनाक रसायन बहाये जाने के कारण नदी का पानी दूषित हो गया है।

जानकारों का कहना है कि कोल वॉशरी से निकलने वाला पानी का कुछ हिस्सा बिजुल नदी में जाता है, उक्त पानी से मोरवा और रेलवे कॉलोनी समेत 1 लाख से अधिक आबादी को पेयजल की सप्लाई की जा रही है। नदी में कोल और रसायन मिलने के कारण पेयजल का सेवन करने वाले लोगों में गंभीर बीमारी फैलने का खतरा तेजी से बढ़ गया है। कोल वॉशरी के द्वारा प्रदूषण बोर्ड की पर्यावरण क्लीयरेंस की खुलेआम धज्जियां उड़ाये जाने के बाद भी अधिकारी जांच के नाम पर औपचारिकता पूरी कर रहे हैं।

जांच के नाम पर सिर्फ बोर्ड कर रहा दिखावा :

कोल वॉशरी के भयावह प्रदूषण से नौढ़ीया समेत 8 गांवों के लोगों गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। इसके बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी जांच के नाम पर टाइम पास कर रहे हैं। ऐसे में नौढ़ीया और गोरबी में कोल के मलबे से भयावह स्थिति निर्मित हो गई है। कोल वॉशरी के दैत्याकार वाहनों की धमाचौकड़ी से जहां नई सड़क के परखच्चे उड़ गये हैं, वहीं इसमें मलबा बहाये जाने से मार्ग दलदल में तब्दील हो गया है।

एक सप्ताह से अफसरों की बहानेबाजी जारी :

कोल वॉशरी के भयावह प्रदूषण की असलियत उजागर होने के बाद भी पिछले एक सप्ताह से प्रदूषण बोर्ड के अफसरों की बहानेबाजी जारी है। क्षेत्रीय अधिकारी कभी वाहन दलदल में फंसने तो कभी जांच के लिये गई टीम निरीक्षण पर्याप्त नहीं होने का दावा कर रहे हैं। इसके चलते प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीण कई तरह के कयास लगा रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि बोर्ड के अधिकारियों का कोल वॉशरी से महीना फिक्स होने के कारण वे कार्रवाई में गुरेज कर रहे हैं। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों पर सांठ-गांठ का आरोप महावीर कोल वॉशरी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की इनवायरमेंट क्लीयरेंस का मजाक बनाये के बाद सख्त कार्रवाई की दरकार बनी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से कोल वॉशरी के निस्तार से नदी जहां दूषित हो गई है ए वहीं किसानों की जमीन बंजर होने के कगार पर है। कोल वॉशरी के प्रदूषण से त्रस्त हो चुके गोरबी और नौढ़ीया के किसान कंपनी में तालाबंदी करने की तैयारी में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कलेक्टर के आदेश के बाद भी प्रदूषण बोर्ड अधिकारी कोल वॉशरी पर ठोस कार्रवाई करने से बच रहे हैं।

कार्रवाई नहीं तो होगा आंदोलन :

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कोल वॉशरी के प्रदूषण से बिजुल नदी का पानी जहरीला हो गया है। कंपनी द्वारा खुलेआम लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किये जाने के बाद भी प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी जांच की आड़ में औपचारिकता पूरी कर रहे हैं।
निर्मला पाठक, रहवासी गोरबी
कोल वॉशरी के प्रदूषण से नौढ़ीया से लेकर गोरबी तक का वातावरण प्रदूषित हो चुका है। कंपनी द्वारा भयावह स्थिति निर्मित करने के बाद भी प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी कार्रवाई से बच रहे हैं। इसके चलते ग्रामीण कंपनी में तालाबंदी करेंगे।
गोलू पाठक, रहवासी गोरबी

इनका कहना है :

कोल वॉशरी के मलबे प्रदूषित जलाशय के पानी की सैंपलिंग की जायेगी। मैं स्वयं मौके पर जाकर बारीकी से निरीक्षण करूंगा। यदि कंपनी प्रबंधन द्वारा बोर्ड की शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है तो संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
डॉ. नीरज वर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण बोर्ड

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