भोपाल। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव को जोर का झटका लगा है। उज्जैन में सिंहस्थ के लिए आरक्षित जमीन में से करीब 50 हेक्टेयर भूमि का उपयोग आवासीय से वापस कृषि किया जा रहा है, इसके लिए शासन मास्टर प्लान में संशोधन की प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर रहा है। प्रक्रिया पूरी करने के बाद अंतिम नोटिफिकेशन जारी होगा। बताया जा रहा है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दखल के बाद उज्जैन के मास्टर प्लान में यह बदलाव किया जा रहा है। उज्जैन मास्टर प्लान 2035 इस साल मई में लागू हो चुका है। इसमें सिंहस्थ की 148 हेक्टेयर में से लगभग 50 हेक्टेयर जमीन का यूज आवासीय कर दिया गया था जबकि पहले यह कृषि था।
सूत्रों के मुताबिक मंत्री मोहन यादव को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया था। सिंहस्थ में उनके और रिश्तेदारों की भूमियों का यूज बदलकर आवासीय कर दिया गया था। इसके अलावा भाजपा से जुड़े संगठन के पदाधिकारी की भूमि का उपयोग भी रेसीडेंशियल किया गया था। बाकी सभी जमीन पूर्व की तरह कृषि उपयोग की ही रखी गई। कांग्रेस के साथ पार्टी के नेता उतरे विरोध में मंत्री और उनके परिवार को लाभ देने के लिए सिंहस्थ की जमीन में किए गए इस खेल को लेकर वो कांग्रेस के साथ ही भाजपा नेताओं के निशाने पर आ गए थे। आम लोगों ने भी असंतोष जताया था। भाजपा विधायक पारस जैन ही सिंहस्थ की जमीन का उपयोग बदलने का खुल कर विरोध कर रहे थे।
उज्जैन में कोर कमेटी की मीटिंग के दौरान इस मुद्दे पर जैन और मंत्री यादव के बीच तीखी बहस भी हुई थी। इसके बाद पार्टी संगठन को हस्तक्षेप करना पड़ा और मुख्यमंत्री को सिंहस्थ की भूमि का कृषि उपयोग बरकरार रखने की सलाह दी थी। बताया जा रहा है इसके बाद सीएम ने मास्टर प्लान में संशोधन कर भूमि का उपयोग कृषि करने के निर्देश दिए थे। इस पर अमल करते हुए नगरीय विकास विभाग ने तुरंत परिवर्तन का मसौदा बनाया और इसकी अधिसूचना जारी करने के लिए भेज दिया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक मंत्री यादव इस निर्णय से नाराज हैं।
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