श्योपुर, मध्यप्रदेश। जिला कलेक्टर संजय कुमार उस समय काफी भावुक हो गए जब 4 बच्चे जनसुनवाई के दौरान उनसे सहायता की गुहार लगाने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। बच्चों की पीड़ा सुन कलेक्टर ने कहा कि, चिंता नहीं करो "मैं हूँ ना"। जानकारी के अनुसार मंगलवार को निर्धारित समय के अनुसार श्योपुर कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई चल रही थी। इस दौरान कलेक्टर संजय कुमार के पास 4 बच्चे अपनी समस्या लेकर पहुंचे।
3 साल पहले पिता ने घर से निकाला :
कलेक्टर कार्यालय पहुंचे इन बच्चों में 13 साल की बच्ची तनु पारीख उसकी छोटी बहन तनिष्का, उन्न्नति और सबसे छोटा भाई पार्थ शामिल है। इन बच्चों ने कलेक्टर संजय कुमार को बताया कि, अब से 3 साल पहले उनके पिता ने माँ और उन्हें घर से निकाल दिया था। तभी से वे अपनी माँ के साथ रह रहे थे। तीन महीने पहले एक मात्र सहारा उनकी बीमार माँ का निधन हो गया। माँ के निधन के बाद सभी बच्चे श्योपुर के ग्राम रायपुरा अपने एक रिश्तेदार के यहाँ आकर रहने लगे।
शिक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की:
रिश्तेदार के घर पर उनकी शिक्षा और लालन-पालन का कोई सुनिश्चित इंतजाम नहीं है और अब वे अनाथ हैं। श्योपुर कलेक्टर बच्चों की बात सुन कर बेहद भावुक हो गए और उन्होंने बच्चों के सर पर हाथ फेर कर कहा कि, चिंता नहीं करो मैं हूँ, आप सबका लालन पालन और शिक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है। कलेकटर संजय कुमार से मिले आश्वासन के बाद चारों बच्चों के चेहरे पर संतुष्टि के भाव नजर आये। उनका कहना है कि, अब उनकी शिक्षा फिर से शुरू होगी।
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