जिले के पहाड़ी अंचल के दर्जनों गांव आजादी के 72 साल बाद भी पहुंच विहीन बनें हुए हैं, यहां बरसात में कच्ची सड़कें कीचड़ में सन जाती हैं, जहां चार महीने के लिये आवागमन दुष्कर हो जाता है, बीमारी की हालत में तो समस्या और गंभीर हो जाती है, जहां बीमार मरीजों को आज भी चारपाई लेटा कर अस्पताल पहुंचाने की विवशता बनी हुई है। आवागमन के अभाव में कई मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ देते हैं।
शहडोल, मध्यप्रदेश। जिले के कुछ गांव में आज भी सड़के नही है, जहां बरसात के दिनों में आवागमन दुष्कर बना हुआ है। जिसके चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जनपद पंचायत सोहागपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बम्हौरी का सामने आया है। जहां एक 70 वर्षीय वृद्ध महिला की अचानक तबियत 'यादा बिगड़ने पर साधन नही मिलने सड़क खराब व पुलिया नहीं होने से उसे लकड़ी के खाट ( खटिया ) में बेटा और पोतों ने कंधे देकर कई किलोमीटर का सफर तय कर खराब सड़क, नदी पार कर इलाज कराने को अस्पताल पहुंचाना पड़ा।
रास्ते में बिगड़ी तबियत :
बताया गया है कि शहडोल और अनूपपुर जिले की सीमा में सोहागपुर जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत बेम्हौरी निवासी प्रेमबती बैगा उम्र 70 वर्ष पड़ोस के ग्राम पटना अपने किसी रिश्तेदार के घर से लौट रही थी, अचानक रास्ते में तबीयत बिगड़ी तो बेटा मुन्नू और पोतों द्वारा खाट में उठा के मुख्य सड़क तक लाया गया, मुन्नू की मां के एक आंख में भी दिक्कत है, सड़क वर्षों से खराब है। बरसात में कीचड़ होने से इस सड़क में दो पहिया या चार पहिया वाहन नहीं निकल पाते। अन्य मार्ग से लाते तो अधिक समय लगता इसलिए बेटा और पोतों ने खटिया से मुख्य सड़क तक लाए फिर मोटर साइकिल में बैठा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेम्हौरी लाया गया, जहां काफी मशक्कत के बाद वृद्ध महिला का इलाज हो सका।
कलेक्टर ने फोन पर की चर्चा :
वृद्ध महिला को सड़क के अभाव में इलाज के लिए खटिया में बेटों व नाती द्वारा ले जाने की खबर व वीडियो प्रदेश के राजधानी भोपाल तक पहुंचने के बाद मामले की जनाकरी, शहडोल कलेक्टर बंदना वैद्य को लगी तो उन्होंने तत्काल एक टीम वृद्ध महिला के घर भेजा व महिला के परिजनों से फोन पर चर्चा कर उचित इलाज व हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
वर्षो बाद भी नहीं बनी सड़क :
बेम्हौरी पंचायत क्षेत्र में शहडोल और अनूपपुर जिला की सीमा को जोडऩे वाले मार्ग बेम्हौरी से पटना 3.40 किलोमीटर की सड़क आजादी के बाद से आज तक नहीं बनी है। मार्ग में एक नाला (जुड़मानी) भी पड़ता है। ऐसे में ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बीते कुछ दिन पहले इसी मार्ग में पुलिया के लिए वर्षों से खोद कर छोड़ दिए गए गड्ढे में एक मोटरसाइकिल सवार दुघर्टना का शिकार हो गया था।
सरपंच ने बयां किया दर्द :
बेम्हौरी सरपंच नत्थू राम बैगा ने बताया कि यहां से मुख्य मार्ग तक जाने के लिये कोई पक्की सड़क नहीं है, तीन साल पहले पटना तक जोडऩे वाली सड़क का काम शुरू किया गया था, लेकिन वह बीच में ही काम छोड़कर चला गया, यहां वर्षों से बरसात के दिनों में आवागमन अवरूद्ध हो जाता है, कच्ची सड़क के रास्ते में अगर दो पुलिया बन जाये तो बरसात के दिनों में वाहन की आवाजाही शुरू हो सकती है, कल महिला की अचानक तबियत खराब हो गई थी, गांव में कोई इलाज का इंतजाम है नहीं, इसलिये उसे गांव के ही सब लोग मिलकर खाट में नदी पार कराकर उसे अस्पताल पहुंचाया।
इनका कहना है :
पीड़ित के बेटे से हमारी बात हुई है, महिला स्वस्थ्य है, जिस महिला को खाट में नदी पार कराया गया है, उस नदी में पुलिया स्वीकृत है, बरसात बाद पुलिया का काम शुरू कराया जायेगा।वंदना वैद्य, कलेक्टर, शहडोल
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