करोड़ों का कोयला काश्तकारों की भूमि से निकालकर बेच दिया गया, उपक्षेत्र से लेकर एरिया में बैठे कोल माईंस के अधिकारियों ने ओव्हर टाईम के अलावा अन्य दर्जनों भत्ते भी प्राप्त कर लिये, लेकिन काश्तकारों को न तो नौकरी मिली और न मुआवजा मिला, उलटे उनके खिलाफ आपराधिक मामले कायम हो गए।
शहडोल, मध्यप्रदेश। सरकार किसानों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही तो, वहीं दूसरी ओर एसईसीएल किसानों की जमीन अधिग्रहण कर उन्हें नौकरी नही दे रही, अपने हक की लड़ाई लड़ रहे किसानों पर उल्टा मुकदमा कायम करा रही है। ऐसा ही एक बड़ा मामला आदिवासी बाहुल्य शहडोल अनूपपुर जिले में सामने आया है, जहां शहडोल जिले के बटुरा ग्राम व अनूपपुर जिले के बकही ग्राम के हजारो किसानों की भूमि पर एसईसीएल द्वारा शारदा माईनस चालू करने के सैकड़ो एकड़ जमीन अधिग्रहण कर कोयला उत्पादन का कार्य प्राइवेट कंपनी को ठेका देकर शुरू कर दिया गया, लेकिन आज तक सैकड़ो किसानों को नौकरी नही दी गई, जिससे नाराज किसानों ने माईंस के समीप नारेबाजी कर विरोध जताया, जल्द ही उनकी मांग पूरी नही किये जाने पर अगर आंदोलन की चेतावनी दी है।
चक्कर लगवा रहे जिम्मेदार :
शहडोल व अनूपपुर जिले के मध्य संचालित एसईसीएल की शारदा ओपन माईनस के लिए वर्ष 2014 में शहडोल जिले के बटुरा ग्राम व अनूपपुर जिले के बकही ग्राम के किसानों की 329 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी, जिसमें लगभग 254 लोगो को नौकरी दिया जाना था ,लेकिन आज तक उन्हें नौकरी नही दी गई, 8 साल बीत जाने के बाद भी एसईसीएल प्रबंधन आज तक ग्रामीणो को नौकरी के लिए चक्कर लगवा रहा और नौकरी नही दे रहा है, जिससे ग्रामीण किसान नौकरी के लिए आफिस और ऑफिसरों के चक्कर लगा रहे, लेकिन उन्हें नौकरी नही मिली रही है, जिससे परेशान ग्रामीण किसान शारदा कोयला खदान के पास जाकर नारेबाजी कर अपना विरोध जताया और जल्द ही उनकी मांग पूरी नही हुई तो उग्र आंदोलन की चेतवानी दी है।
हो रही हैवी ब्लास्टिंग :
ग्रामीणों द्वारा अपने हक की लड़ाई लडऩे पर कंपनी के अधिकरियों द्वारा उल्टा ग्रामीणों में मामला कायम किया जा रहा, जिससे नाराज ग्रामीण उग्र आंदोलन की राह पर है, बटुरा-बकहो ग्राम से महज 2 सौ मीटर की दूरी पर संचालित शारदा माईंस में कोयला उत्पादन के लिए हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है। जिससे ब्लास्टिंग के दौरान बड़े-बड़े पत्थर ग्रामीणो के घरों पर आकर गिर रहे हैं, ग्रामीणों के मकानों में दरारें आ गई हैं। हैवी ब्लास्टिंग से किसानों के जान माल का खतरा बना हुआ है, साथ ही उनकी खेती किसानी प्रभावित हो रही है।
इसलिए अमलाई थाना चाहते हैं निरीक्षक :
शारदा खुली खदान से लेकर पूर्व में बटुरा-बिछिया में संचालित अवैध खदाने अमलाई थाना क्षेत्र की पुलिस के लिए सोने के चम्मच से कम नहीं है, ग्रामीणों का आरोप है कि जब उन्होंने अपने हक की मांग की तो, माईंस के जिम्मेदारों ने उल्टे उन्हीं के ऊपर आरोप लगाये, हद तो तब हो गई, जब थाने में मामला भी दर्ज हो गया, शारदा खुली खदान से कोल प्रबंधन करोड़ों नहीं बल्कि अरबों का कोयला निकाल चुकी है, दूसरी तरफ स्थानीय काश्तकार जो अपनी भूमि पर खेती कर सब्जी या अनाज उगाकर अजीविका चला रहे थे, अब उससे भी महरूम हो गये, कोल प्रबंधन से उन्हें मुआवजा तो दूर धूल, डस्ट सहित ब्लास्टिंग की धमाके झेलने पड़ रहे हैं।
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