शहडोल, मध्य प्रदेश। परिवहन विभाग के संभागीय उड़नदस्ते के चर्चे इन दिनों चरम पर है, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-43 के अलावा शहडोल-उमरिया और अनूपपुर के अन्य आंतरिक मार्गों पर 4 से 6 दबंग युवकों के साथ उड़नदस्ता प्रभारी रमेश सिंह वाहनों की जांच और उसकी आड़ में वसूली करते हुए आए दिन कहीं न कहीं नजर आ ही जाते हैं, इस मामले में वाहन मालिक भी उक्त अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही के भय के कारण शिकायत नहीं कर पा रहे हैं।
मुख्यालय से रीवा मार्ग की ओर जयसिंहनगर-ब्यौहारी-देंवलोद से लेकर उमरिया जिले के चंदिया और अनूपपुर जिले के एक तरफ अमरकंटक तथा दूसरी तरफ राजनगर-रामनगर तक की सड़कों पर परिवहन विभाग की जांच और उसके नाम पर वसूली अब खुलेआम हो रही है। गौरतलब है कि बीते माह में उक्त पद पर काबिज उड़नदस्ता प्रभारी के द्वारा की जा रही अवैध वसूली का ऑडियो वायरल हुआ था, यह मामला राजधानी तक पहुंचने के बाद उन्हें इस पद से हटा दिया गया था और उसके बाद रमेश सिंह नामक अधिकारी को या की जिम्मेदारी दी गई, बीते कुछ माह से उनके द्वारा जांच के नाम पर की जा रही वसूली से वाहन मालिक आजिज हो चुके हैं, पूर्व में जहां 1000-500 में वाहन मालिकों को छोड़ दिया जाता था, वही रमेश सिंह ने इन दिनों कम से कम 5000 अपना शुल्क निर्धारित कर दिया है, वाहन में बैठे-बैठे वह कागजों को तलब करते हैं और उनके साथ अनाधिकृत रूप से दौड़ रहे, 4 से 6 लोग किसी आईएएस अधिकारी की तरह व्यवहार करते हैं, यही नहीं उनसे जबरिया वसूली आदि की शिकायतें भी लगातार सामने आ रही हैं।
सड़क पर खुलेआम वसूली :
संभागीय उड़नदस्ता प्रभारी चार पहिया वाहन में सवार होकर पूरे दिन मुख्य मार्ग से गुजर रहे वाहनों के दस्तावेजों की जांच करते नजर आ जा रहे हैं, खुद को भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता तथा शराब ठेकेदार का रिश्तेदार बताने वाले कथित अधिकारी ने अनाधिकृत रूप से 4 से 6 लोगों को अपने वाहन में बैठा कर उनसे जांच करवाई जाती है और तथाकथित लोग खुद को पुलिस सहित आरटीओ का कर्मचारी बताते हैं, जबकि हकीकत यह है कि सभी व्यक्ति अनाधिकृत रूप से उनके साथ रहते हैं, ना तो उनका स्थानीय थानों में पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया है और ना ही, उन्हें परिवहन विभाग या पुलिस विभाग द्वारा कोई इस तरह की जिम्मेदारी दी गई है, वाहनों की जांच और परिवहन विभाग के विभिन्न पदों की जानकारी से परिपूर्ण तथाकथित दबंग वाहन चालकों को तमाम विभाग की बारीकियां बताकर उनसे पहले बड़े जुर्माने की बात करते हैं और फिर सड़क पर ही समझौता शुरू हो जाता है 50 हजार से शुरू हुई मांग 15 से 20 हजार में जाकर टूटती है, यह सिलसिला बीते दो महीनों से लगातार चल रहा है।
कैप्सूल और अंतराज्जीय बसों को छूट :
संभागीय उडऩ दस्ते के प्रभारी ने अनूपपुर जिले के जैतहरी स्थित मोजर बेयर प्लांट चचाई स्थित अमरकंटक ताप विद्युत गृह सहित उमरिया जिले के पाली स्थित संजय गांधी ताप विद्युत गृह से निकलने वाले राखड़ से लदे ओवरलोड के कैप्सूलों की पूरी सूची बनाकर रखी है, आरोप है कि इन से उनके द्वारा मासिक राशि तय कर वसूली की जा रही है, यही कारण है कि कैप्सूलों की किसी भी प्रकार की न तो जांच की जाती है और ना ही उनके दस्तावेज तलब किए जाते हैं, यही स्थिति छत्तीसगढ़ प्रदेश से आने वाली अंतराज्जीय बसों की भी है, लगभग 3 से 4 दर्जन यात्री बसें रोजाना शहडोल-उमरिया अनूपपुर की सीमा से होकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाती हैं तथा दूसरी तरफ से वापसी में भी ऐसी ही दर्जनों बसे रोजाना छत्तीसगढ़ जा रही हैं, लगभग बसें रिजर्व पार्टी परमिट के नाम पर दौड़ रही हैं, यह जानकारी होने के बाद भी भारी वाहनों की जांच करते हैं और नहीं अभी तक इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है, आरोप है कि इन सब से सांठगांठ कर उन्हें भी नहीं कानून तोडऩे की छूट दिलवाई हुई है।
सरकार की साख पर ग्रहण :
परिवहन विभाग के उड़नदस्ता प्रभारी जिस अंदाज में सड़कों पर खुलेआम वसूली कर रहे हैं, यही नहीं युवा मोर्चा के सबसे बड़े पदाधिकारी से रिश्तेदारी और अन्य भाजपा नेताओं से अपनी करीबी बताना भी साहब नहीं भूलते, मध्यप्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों के वाहन भी यहां से गुजरते हैं, जिस अंदाज में उनसे वसूली की जाती है, वह कहीं न कहीं देश की सबसे बड़ी पार्टी और चौथी बार प्रदेश में सत्तासीन हुई शिवराज सरकार की साफ-सुथरी छवि पर भी ग्रहण लगा रहे हैं।
इनका कहना है :
सड़कों पर हम नियमित जांच करते हैं, जुर्माने की रसीद दी जाती है, कर्मचारियों की नियुक्ति न होने के कारण साथ में किसी को रखना हमारी मजबूरी है।रमेश सिंह, संभागीय उड़नदस्ता प्रभारी, शहडोल
इस संबंध में जानकारी ली जायेगी, यदि ऐसा हो रहा है तो गलत है।डॉ.सतेन्द्र कुमार सिंह, कलेक्टर, शहडोल
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