जिले की साफ-सुथरी छवि वाले अधिकारियों पर विधायक, राजनीति व दबाव के चलते तबादले की गाज गिर रही है, जनपद पंचायतों में साफ-सुथरी छवि के अधिकारी-कर्मचारियों को इधर-उधर भगाया जा रहा है, वहीं पर भ्रष्ट व आरोपों से घिरे जनपद के अधिकारी व कर्मचारियों की तैनाती कर उन्हें पुरूस्कृत किया जा रहा है।
शहडोल, मध्यप्रदेश। वर्तमान में जिले में तबादला उद्योग खूब फल-फूल रहा है , जिला व जनपद पंचायतों में साफ-सुथरी छवि के अधिकारियों को दरकिनार किया जा रहा है, वहीं पर भ्रष्ट अधिकारियों को कमान सौंपी जा रही है, जिसे देख और सुनकर जिले के बुद्धिजीवी हतप्रभ है, ब्यौहारी, जयसिंहनगर जनपद पंचायतों में ईमानदार आधिकारियों को दरकिनार कर भ्रष्ट अधिकारियों को कमान सौंपकर भाजपा सरकार की साफ-सुथरी छवि को दागदार बनाया जा रहा है, इस क्षेत्र के तबादला उद्योग में विधायक शरद कोल की अहम भूमिका बताई जा रही है।
हर कार्य में भ्रष्टाचार की गंध :
विधायक का अवैध रेत उत्खनन के बाद भ्रष्ट अधिकारियों पर मोह जगा है, खबर है कि ब्यौहारी जनपद में जी.पी. मिश्रा एसडीओ के पद पर तैनात थे, इनकी साफ-सुथरी छवि थी, लेकिन उनका तबादला करा कर बुढ़ार जनपद में उपयंत्री बना दिया गया, उनके स्थान पर भ्रष्टाचार से घिरे उपयंत्री रतनलाल बघेल को एसडीओ का प्रभार सौंप दिया गया है, जबकि रतनलाल के खिलाफ दर्जनों भ्रष्टाचार के आरोप हैं। श्री बघेल के खिलाफ कमता में कुनकुक नदी पर बने स्टॉप डैम बह जाने के आरोप में डी तक चल चुकी है, इन हालातों में उन्हें जहां दंड मिलना चाहिए था, वहीं पर विधायक ने उन्हें पुरस्कृत कर एसडीओ बनवाने की चर्चा चरम पर है।
ईमानदार अधिकारियों में पनप रही निराशा :
जयसिंहनगर में पदस्थ एसडीओ इंद्रजीत तिवारी को स्थानांतरण बड़वानी कर दिया गया है, अभी उनके स्थान पर नए अधिकारी की पोस्टिंग तो नहीं हुई है, लेकिन चर्चा है कि जिले के ही एक भ्रष्ट अधिकारी को वहां के प्रभारी एसडीओ का प्रभार देने की तैयारी चल रही है, जिले की विडंबना ही कहा जाएगा की साफ-सुथरी छवि के अधिकारियों को भगाकर भ्रष्ट अधिकारियों को जिले में पालने पोसने की तैयारी हो रही है। जयसिंहनगर में पदस्थ रहे इंजीनियर इन्द्रजीत तिवारी साफ-सुथरी छवि के माने जाते हैं, उन पर कोई गंभीर आरोप अभी तक नहीं लगे, इसके बाद भी उनका स्थानांतरण जिले के बाहर करवा दिया गया। इसी तरह ब्यौहारी में पदस्थ रहे एसडीओ जी.पी. तिवारी की छवि साफ-सुथरी मानी जाती है, उन्हें बुढ़ार जनपद में उपयंत्री बनवा दिया गया , भाजपा एक कैडर वाली पार्टी मानी जाती है, इसीलिए जिले में भाजपा की तूती बोलती है, तीनों विधानसभा क्षेत्रों में उसके विधायक हैं, लेकिन अगर यही होता रहा तो, वह दिन दूर नहीं जब भाजपा की साख पर बट्टा लग जाएगा।
एक ही वर्ग पर गिर रही तबादले की गाज :
वर्तमान में तबादला उद्योग के चलते ईमानदार अधिकारियों को दरकिनार करने व भ्रष्ट अधिकारियों को गले लगाने की नीती का एक विशेष वर्ग ने नाराजगी जाहिर की है, सवर्ण वर्गों का कहना है जिन अधिकारियों को कमान सौंपी जा रही है, पहले उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच कराई जाए, अगर इस तबादला उद्योग में भेदभाव कर ब्यौहारी विधायक द्वारा जातिगत महत्व दिया जा रहा है और एक दूसरे की उपेक्षा की जा रही है, भारतीय जनता पार्टी के लिये ठीक नहीं है, जिन ईमानदार अधिकारियों का तबादला कराया दिया गया है, उन पर विचार किया जाना चाहिए।
लाखों के भ्रष्टाचार में घिरे रहे रतनलाल :
रतन लाल बघेल अभी तक बुढ़ार जनपद में उपयंत्री के पद पर पदस्थ थे, वर्ष 2015-16 में कामता के पास कुनुक नदी में 49 लाख 80 हजार रुपए का स्टॉप डैम बनाया गया था, जो बह गया है। जिसमें जांच कराई गई, जांच में भले रतनलाल साफ-सुथरे निकल गए हो, लेकिन भ्रष्टाचार की श्रेणी में उनका नाम अग्रिम पंक्ति में शुमार हो गया है, अब उन्हें उपयंत्री से पुरस्कृत कर ब्यौहारी जनपद मे एसडीओ बना दिया गया है, यह बात किसी को पच नहीं रही है। इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने वाले उपयंत्री को दंड मिलना चाहिए था, लेकिन विधायक की कृपा व जातिवादी प्रेम के चलते उसे एसडीओ के पद से नवाजा गया है। विधायक शरद कोल भ्रष्टाचार व जातिगत प्रेम से भारतीय जनता पार्टी की छवि को करारा झटका लग रहा है, अगर विधायक इसी राह पर चलते रहे तो, ब्यौहारी-जयसिंहनगर क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की अगली जीत आसान नहीं होगी।
इनका कहना है :
तबादले में जिला स्तर से कोई दखल नहीं है, किसका तबादला हो रहा है, कहां हो रहा है, यह हम लोगों के क्षेत्राधिकार में नहीं है।आर.के.द्विवेदी, कार्यपालन अधिकारी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, शहडोल
मेरे ऊपर आरोप राजनीतिक हैं, अगर प्रशासनिक सर्जरी करना गलत है, तो मैं अपने को गलत मानता हूँ।शरद कोल, विधायक, ब्यौहारी
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