हाइलाइट्स :
प्रिंस ग्रामीण अंचल में करवा रहा अंग्रेजी शराब की पैकारी
बस स्टैण्ड में दुकान संचालित होने से आये दिन होता विवाद
शहडोल, मध्यप्रदेश। जिले की जयसिंहनगर जनपद पंचायत में अंग्रेजी शराब ठेकेदार प्रिंस नामक कथित शराब माफिया से गांव-गांव में पैकारी करवाई जा रही है। आस-पास के कई गांवों में दर्जनों भर ठीहों से अधिक अवैध अड्डों पर शराब बेंची जा रही है। जितनी शराब की बिक्री लाइसेंसी शराब की दुकान जयसिंहनगर में नहीं होती उससे ज्यादा बिक्री गांवो में खुली अवैध दुकानों में होती है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि ठेकेदार की ओर से विभिन्न शराब के ठीहों पर अपने गुर्गे प्रिंस के माध्यम से शराब की खेप पहुंचवाई जाती है। मनमाने दामों में शराब बेची जा रही है।
मनमानी दाम में होती है बिक्री :
अंग्रेजी शराब दुकान में पूरी तरह से मनमानी दाम पर शराब की बिक्री होती है। शराब का सेवन करने वाले मंहगे दाम को लेकर आए दिन ठेकेदार एवं दुकान संचालक से शिकायत करते हैं। मजे की बात तो यह है कि पुलिस से लेकर आबकारी सहित अन्य विभागों में शराब के शौकानी कर्मचारी खुद प्रिंट रेट से ज्यादा का भुगतान करते हैं, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि कथित शराब कारोबारी या उसके गुर्गे प्रिंस पर कार्यवाही हो सके। अगर लोगों द्वारा शराब खरीदते समय कुछ कहा जाता है तो, उनके साथ अभद्रता की जाती है।
बस स्टैण्ड पर संचालित शराब दुकान :
बस स्टैंड परिसर के सामने शराब की दुकान संचालित होने के कारण यात्रियों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बस स्टैंड पर हर दिन सैकड़ों की संख्या में यात्रियों का आन जाना रहता है, लेकिन शराब की दुकान पास में ही संचालित होने के कारण यहां असामाजिक तत्वों की भीड़ लगी रहती है। जिसके कारण स्थानीय दुकानदारों और यात्रियों को परेशानी हो रही है और आये दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती है।
गोहपारू-सीधी थाना क्षेत्र में कारोबार :
मुनाफे पर भी नजर डाली जाए तो मनमर्जी से दाम वसूलने के चक्कर में इनके मुनाफे का आंकड़ा भी काफी बड़ा है, सूत्रों की माने तो कथित शराब ठेकेदार एवं उसके गुर्गे प्रिंस द्वारा रात में गोहपारू थाना क्षेत्र के कई ग्रामीण अंचल में तो, सीधी थाना क्षेत्र में विनोद नामक व्यक्ति को शराब बेंची जा रही है, जो युवाओं के शरीर में नशा भरने का कारोबार करते हैं, ग्रामीण अंचलों में आये दिन विवाद के कारण पर अगर नजर डाली जाये तो, उसमें कहीं न कहीं कारण शराब ही होगी। पूरे मामले में जब भी आबकारी अधिकारी से उनके सेल फोन पर शिकायत करने ग्रामीण या अन्य कोई करता है तो, उनका फोन रिसीव ही नहीं होता।
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