मुख्यालय और उससे सटे ग्रामीण क्षेत्रों मे भू-माफियाओं के द्वारा किये गए कई ऐसे काले कारनामे लगातार सामने आ रहे हैं, जिसने प्रशासन की बोलती बंद कर रखी है, हाइवे सटे भू-खण्डों के लगातार सैकड़ों खण्ड होकर बिक रहे हैं, रजिस्टार राजस्व कमी और राजस्व महकमा टीएण्डसीपी पर सवाल उठा रहा है, लेकिन इन सबके बीच कायदे तो, टूट ही रहे हैं।
शहडोल, मध्यप्रदेश। संभागीय मुख्यालय से सटे पिपरिया ग्राम में कृषि भूमि को वृहद तरीके से प्लाटिंग तो कर ली गई है। साथ ही साथ उनमें रोड निकालकर आम नागरिकों को लगभग 1200-1500 प्रति वर्ग फीट के रेट में जमीनों को बबुआ नामक व्यक्ति द्वारा बेचा जा रहा है। नियमों के तहत कॉलोनी बसाने से पहले कालोनाइजरों को रेरा में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है, जिससे जमीन लेने वाले ग्राहकों को भविष्य में किसी भी प्रकार की बाधाओं को सामना ना करना पड़े, लेकिन भू-माफियाओं द्वारा क्रेताओं को धोखें में रखकर भू-खण्ड बेचा जा रहा हैं।
भू-माफिया के हौसले बुलंद :
रेरा कानून का असर जिले में नहीं दिखाई दे रहा है, कठोर प्रावधान होने के बाद भी आप पंजीकृत रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट व्यापार व्यवसाय कर रहे हैं और साथ ही ग्राहकों को धोखे में रखकर ऊंचे कीमत पर जमीन बेचकर खुद तो मालामाल हो रहे हैं, कथित बबुआ नामक भू-माफिया द्वारा कृषि भूमि के टुकड़े कर दर्जनों की संख्या में रजिस्ट्री करवाई जा रही है, सूत्रों की मानें तो इस पूरे कार्य में रजिस्टार कार्यालय के जिम्मेदार भी अपनी जेबें गरम कर रहे हैं। खबर है कि पिपरिया को नगर पालिका में शामिल होने की बातों का सपना दिखाकर जमीन के भाव बढ़ाकर बाहरी लोगों को ऊंचे दामों पर भू-खण्ड बेचा जा रहा है।
राजस्व जमा करने से बचने अवैध प्लाटिंग :
कॉलोनी की प्लाटिंग करने से पहले कृषि योग्य जमीन को व्यावसायिक या आवासीय योग्य जमीन बनाने के लिए लागत के अनुसार एकमुश्त प्रीमियम राशि और वार्षिक लगान सरकार को देना होता है। खबर है कि भू-माफिया ने जमीन की उपयोगिता बदले बिना ही कृषि योग्य जमीन को प्लाटिंग कर बेचना शुरू कर दिया। कृषि योग्य जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में भी बेचना अवैध है, इसके साथ ही कॉलोनी की कुल जमीन का 15 प्रतिशत भाग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को देने के लिए प्रशासन को हैंडओवर किया जाता है।
लाल साहब बना भू-माफिया :
भू-माफिया बबुआ का खेल गांव की कृषि जमीन पर शुरू है, कृषि जमीन के खरीदी-बिक्री से वह लाल साहब हो गया हैं। चर्चा है कि संभागीय मुख्यालय सटे ग्रामीण क्षेत्र में किसानों सस्ते दामों पर जमीन खरीद कर राजस्व सहित रजिस्टार कार्यालय में सेटिंग कर लोगों को सब्जबाग दिखाकर उन्हें कालोनियों का झांसा देकर फंसा रहा है, भू-माफिया कृषि भू-खण्ड को टुकड़ों में काटकर महंगे दाम पर बेच रहा हैं। भू-माफिया इस खेल से गांव के कृषि भू-खण्ड के दाम आसमान छूने लगे है, भू-माफिया के दखलअंदाजी से गांव के सामान्य व बड़े किसान भी एक डिसमिल भू-खण्ड नहीं खरीद पा रहे हैं।
अवैध प्लाटिंग पर लगे अंकुश :
भू-माफिया बबुआ ने शहडोल-रीवा हाईवे से सटे कृषि भू-खण्ड पर अवैध रूप से कॉलोनी बनाने के लिए प्लॉटिंग कर बेचना शुरू कर दिया है, शहर से सटे पिपरिया के मुख्य मार्ग पर अवैध कॉलोनी बसाई जा रही है। सूत्रों की माने तो उक्त रकवे के कई टुकड़े होने के बाद रजिस्ट्री भी हो गई है, मजे की बात तो यह है कि आये दिन इस रोड से अधिकारियों से दौरे होते हैं, संभवत: इस क्षेत्र में हो रही प्लाटिंग अधिकारियों को नजर ही नहीं आती, जागरूक लोगों ने मांग की है कि जिम्मेदार इस क्षेत्र में हो रही अवैध प्लाटिंग मामले में जांच की जाये, जिससे अवैध प्लाटिंग पर अंकुश लग सके।
इनका कहना है :
उक्त मामले के संबंध में टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग के असिस्टेंट डायरेक्टर को जांच के निर्देश दिये गये हैं।श्रीमती वंदना वैद्य, कलेक्टर, शहडोल
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