आईपीएल सट्टे में दो टीमों द्वारा फेंकी जाने वाली हर बॉल में लाखों रुपए के सट्टे का दांव लगता है। वहीं चौके-छक्के और विकेट गिरने पर सट्टे का रेट भी ऊपर नीचे होता है, बेईमानी के इस धंधे में जितनी ईमानदारी है उतनी और कहीं नही।
शहडोल, मध्यप्रदेश। इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल शुरू होते ही एक बार फिर सटोरिए सट्टे के मैदान में उतर आए हैं। सट्टा खिलवाने वाले इंटरनेट मीडिया के जरिए नए-नए युवाओं को अपने झांसे में फंसा रहे हैं। उन्हें तरह-तरह का प्रलोभन देकर काला कारोबार में शामिल होने के लिए दबाव बना रहे हैं। ताकि उनके आने से मैच के जरिए कमाई को बढ़ाया जा सके। अधिकांश सटोरिए मोबाइल पर इंटरनेट की मदद से मैच और सेशन पर लाखों का दांव लगा रहे हैं। आज आईपीएल शुरू होते ही संभागीय मुख्यालय में खाई और लगाई के नाम से सट्टा खेला जायेगा, हालाकि पुलिस ने भी अवैध गतिविधियों को रोकने कमर कस ली है।
11 माह पहले हुई थी इन पर कार्यवाही :
पुलिस ने शहडोल मुख्यालय के सबसे पुराने और सट्टाकिंग कहे जाने वाले बंटी भाठिया उर्फ राजेश अरोरा निवासी किरण टाकीज शहडोल, प्रदीप साहू निवासी किरण टाकीज शहडोल, पंकज बाघरे बाणगंगा शहडोल, पप्पू उर्फ अजय गुप्ता इन्द्रा चौक शहडोल, संजय गुप्ता हाउसिंग बोर्ड शहडोल, जयदीप गुप्ता उर्फ छोटा भइया वार्ड नंबर 03 अहिरान टोला बुढ़ार, राजेश जायसवाल ग्राम सिरौंजा खैरहा, सचिन जायसवाल ग्राम सिरौंजा थाना खैरहा तथा कमल रजवानी वार्ड नंबर 12 धनपुरी थाना को गिरफ्तार किया था। इसमें सबसे अधिक 26 लाख रूपये प्रदीप व पंकज बागरे के पास सट्टे के हिसाब के मिले था, वहीं 22 लाख बंटी भाठिया के पास तथा ढ़ाई लाख नगदी पुलिस ने जब्त किया था।
फिर सुर्खियों में सटोरिये :
क्रिकेट के सट्टे में आईपीएल शुरू होते ही सबसे अधिक दांव लगाए जाते हैं, आज से आईपीएल शुरू हो रहा है तो, एसपी के खौफ से कुछ दिनों तक छुपे रहने के बाद बड़े खाईवालों का नेटवर्क फिर से शुरू होने की खबर है। ऐसे लोगों ने फर्जी नाम से निकालकर उनके लिए काम करने वाले एजेंटों को दे दिये है। इन खाइवालों का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है, बड़े खाईवाल अपने घर से ऐसे लोगों पर नजर रखते हैं, घर के अलावा लक्जरी वाहनों में बैठकर मोबाइल से सट्टा लिख खिलाया जाता है, चर्चा है कि बंटी भाटिया, नज्जिल, पिल्लू, भतीजा विक्रम ऑन लाईन पैसे का आदान प्रदान, प्रदीप, अजय, नवीन दुकान की आड़ में कारोबार, क्रांति सहित पिल्लू के लिए देवेन्द्र नोट बटोरने का काम करेगा, वहीं ललवा भी इस पूरे कारोबार में किसी से कम नहीं है।
सट्टे से बिखरता है परिवार :
क्रिकेट सट्टे से शहर के युवा, महिलाएं, बुजुर्ग बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं, कई परिवार तो सट्टा में बर्बाद हो चुके हैं। घर द्वार बेचकर कमाने खाने अन्यत्र चले गये हैं। जिन सटोरियों ने आईपीएल शुरू होने से पहले फर्जी नामों से सिम खरीदे हैं, अगर सिम बेचने वालों की दुकानों की भी जांच की जाए तो यह पता चल जाएगा कि सिम किन-किन लोगों ने खरीदे। वे लोग ऐसे सिम का उपयोग कुछ निर्धारित समय के लिए ही करते हैं , इसके बाद उस सिम को फेंक देते हैं। ऐसे में हर साल सैकड़ों नंबर को चालू करने एवं बंद करने का कारोबार भी धड़ल्ले से जारी है। देखना यह होगा कि पुलिस इस बार आईपीएल के सटोरियों पर किस तरह काबू पाती है।
इनका कहना है :
अवैध कारोबार क्षेत्र में नहीं होने दिया जायेगा, अगर शिकायत मिली तो, सख्त कार्यवाही की जायेगी।रत्नांबर शुक्ला, कोतवाली प्रभारी, शहडोल
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