शासकीय भूमि पर चल रहा अतिक्रमण Raj Express
मध्य प्रदेश

Shahdol : शासकीय भूमि पर चल रहा अतिक्रमण

शहडोल, मध्यप्रदेश : एक ओर जिला प्रशासन मुख्यालय में अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही कर रहा है, वहीं जिला मुख्यालय से सटे कल्याणपुर में एक बार फिर अतिक्रमण की चपेट में हैं।

राज एक्सप्रेस

शहडोल, मध्यप्रदेश। एक ओर जिला प्रशासन मुख्यालय में अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही कर रहा है, वहीं जिला मुख्यालय से सटे कल्याणपुर में एक बार फिर अतिक्रमण की चपेट में हैं, बीते माहों में तत्कालीन कलेक्टर सतेन्द्र सिंह के निर्देशन में सोहागपुर तहसील के संभागीय मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत कल्याणपुर में शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था, साथ ही अपराधियों के घर पर भी पूरे पुलिस बल के साथ प्रशासन ने बुलडोजर चलाया था, बीते दिनों शहर में यह चर्चा सरगर्म रही की एक बार फिर संभागीय मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत कल्याणपुर में केन्द्रीय विद्यालय के पास अतिक्रमण किया जा रहा है।

किसकी शह पर चल रहा अतिक्रमण :

जिला प्रशासन एक ओर पूरे जिले में मुहीम चलाकर सड़क के किनारे हुए अतिक्रमण को हटा रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत कल्याणपुर में अतिक्रमण का खेल-खेला जा रहा है, ऐसा नहीं है कि इसकी तहसील के राजस्व अमले को न हो, लेकिन प्रशासन के अवैध अतिक्रमणकारियों पर नकेल कसने के बावजूद किसकी सह पर सड़क किनारे भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है, हालांकि इस मामले में स्थानीय पटवारी का कहना है कि अगर किसी के द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है तो, तत्काल उसके दस्तोवजों की जांच की जायेगी, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीते दिनों आरआई क्षेत्र के दौरे पर आये थे, दोबारा शुक्रवार को पुन: आने वाले हैं, जिसके द्वारा उक्त भू-खण्ड पर बाउंड्री बनाई जा रही है, उसके दस्तावेजों की जांच होगी, अगर अतिक्रमण किया जा रहा होगा तो, तत्काल उसे हटवाया जाएगा।

शासकीय भूमि पर चल रहा कब्जे का खेल :

राजस्व भूमि पर कब्जा करने की शिकायत मिलती हैं, तो पटवारी धारा 91 में केस दर्ज करता है। इसकी सुनवाई तहसीलदार, नायब तहसीलदार करते हैं। कब्जा सिद्ध होने पर बेदखली की जाती है, जुर्माना और सजा भी होती है। मजे की बात तो यह है कि यह पूरा कारनामा कागजों पर होता है, संभागीय में आज भी दर्जनों ऐसे मामले हैं, जिनमें प्रशासन ने बेदखली के आदेश दिये, साथ ही भूमि से न हटने पर अतिक्रमणकारी के विरूद्ध कार्यवाही की बातें भी पत्रों के माध्यम से अवगत कराई गई, लेकिन आज तक न तो अतिक्रमण हटा और न ही कभी उस कब्जाधारी को किसी प्रकार की सजा ही हुई, सूत्रों की मानें तो राजस्व अमला चंद-चांदी के सिक्कों के चक्कर में वरिष्ठों के आदेश की धज्जियां उड़ाने में भी बाज नहीं आते, जागरूक लोगों ने मांग की है कि पूरे मामले में पटवारी सहित आरआई जांच कर तत्काल अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही करें, जिससे अतिक्रमणकारी शासकीय भूमि पर कब्जा करने से पहले खौफ में रहेंगे।

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