सिवनी मालवा, मध्यप्रदेश। तहसील के अंतर्गत आने वाले गांवों में इन दिनों किसान मूंग की फसलों में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलने को लेकर बहुत परेशान हो रहा है। विगत दस दिनों से किसान लगातार तहसील कार्यालय और बिजली विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगाकर आवेदन देकर निवेदन कर रहा है। लेकिन उसके बावजूद भी किसानों को गांवों में आज तक पर्याप्त बिजली की सप्लाई नहीं मिल पा रही है। जिससे परेशान होकर किसानों ने गुरुवार को तहसील कार्यालय पहुंचे जहां किसानों को एसडीएम अनिल जैन द्वारा संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं मिला, तो आक्रोशित किसान तहसील कार्यालय के गेट पर धरना देकर बैठ गए। किसानों ने एसडीएम और बिजली कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दिन भर से भीषण गर्मी की तपती धूप में धरने पर बैठे किसानों ने जब विद्युत कम्पनी के डीई अंकुर मिश्रा को फोन लगाया तो उन्होंने किसानों से अभद्र भाषा मे बात करते हुए किसानों को झाड़ दिया। जिसके बाद शाम को 5-6 बजे करीब तहसील कार्यालय पहुंचे बिजली विभाग के डीई अंकुर मिश्रा ने फिर से किसानों और जनप्रतिनिधियों से अभद्रता की और गलत तरीके से बात कर ली, जिससे बवाल मच गया। किसानों और भाजपा नेताओं का गुस्सा फूट गया और हाथापाई की नौबत बन गई, जिसके बाद तहसीलदार प्रमेश जैन ने बीच बचाव करते हुए जनप्रतिनिधियों से निवेदन कर मामले को शांत कराया और डीई को अंदर एसडीएम के कैबिन में बैठा दिया गया ताकि विवाद न बढ़े।
अभद्र व्यवहार से भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष भड़के :
तहसील कार्यालय पहुंचे बिजली विभाग के डीई अंकुर मिश्रा ने किसानों की समस्या पर बात करने के दौरान जब भाजपा नेता सांसद प्रतिनिधि अरविंद सोहरोत, नगर मंडल अध्यक्ष अभिषेक शर्मा, पूर्व जिला महामंत्री रघुवीर सिंह राजपूत, विधायक प्रतिनिधि वीरेंद्र मिश्रा, राजेंद्र जैन सहित जनप्रतिनिधियों से भी अभद्र भाषा मे बात की तब विवाद इतना बढ़ा कि जनप्रतिनिधि और किसान भड़क गए। जनप्रतिनिधि बिजली विभाग के अधिकारी को मारने तक के लिए उतारू हो गए। किसानों और जनप्रतिनिधियों से अभद्र व्यवहार को देख बिफरे नगर मंडल अध्यक्ष अभिषेक शर्मा ने भी डीई अंकुर मिश्रा को अपने तीखे तेवर में जमकर आड़ेहाथ लेते हुए उनको पद की मर्यादा और किसानों से बात करने की तहजीब सिखा डाली। विवाद को बढ़ता देख तहसीलदार प्रमेश जैन ने बीच बचाव करते हुए सबको अलग कराया। अधिकारियों ने सूचना कर पुलिस को भी तहसील में बुलाया गया। जिसके बाद सारे अधिकारियों ने किसानों एवं जनप्रतिनिधियों को समझाया कि विवाद करने से कोई फायदा नहीं होगा। इसके लिए बैठकर चर्चा की जा सकती है। सभी अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि और सभी गांवों के एक-एक किसानों को एसडीएम कार्यालय में बंद कमरे में रात तक चर्चा की गई। किसान मुख्य मांग पर अड़े रहे कि 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए।
तहसील कार्यालय में देर रात हुई बैठक में यह हुआ निर्णय :
तहसील कार्यालय में देर रात तक चली बैठक में एसडीएम अनिल जैन सहित बिजली विभाग के डीई अंकुर मिश्रा एवं जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। जिसमें सभी की सहमती से ये निर्णय लिए गए हैं कि तोरनिया फीडर पर 8 घंटे लगातार बिजली प्रदान की जायेगी। साथ ही मकोडिया फीडर पर 10 घंटे बिजली सप्लाई दी जायेगी। यह बदलाव तत्काल प्रभाव से ही लागू हो जाएगा। बैठक के बाद एसडीएम अनिल जैन ने कार्यालय से बाहर आकर सामूहिक रूप से सभी किसानों को बताया कि बिजली विभाग के डीई एवं एई से चर्चा कर ये निर्णय लिया गया है कि तोरनिया फीडर पर 8 घन्टे लगातार बिजली दी जायेगी। वहीं मकोडिया फीडर पर 10 घंटे लाइट दी जायेगी। एसडीएम ने कहा की यदि आप चाहते हैं की लाइनमेन बदले जाए तो लिखकर दीजिये तुरंत लाइन मेन बदला जाएगा। यदि कोई बिजली विभाग का कोई अधिकारी या लाइनमेन पैसे की मांग कर रहा है तो उसकी शिकायत हमारे पास करें या शपथ पत्र दें उसके बाद भी यदि कार्रवाई नहीं होती है तो उसके लिए हम जवाबदार हैं। नगर की पानी की सप्लाई को लेकर भी कल से 5 घंटे बिजली सप्लाई दी जायेगी। इसके बाद आक्रोशित किसान और जनप्रतिनिधि शांत हुए। इस दौरान एसडीएम , तहसीलदार ,थाना प्रभारी जितेंद्र यादव, उपनिरीक्षक आकाश शर्मा, सहित बड़ी संख्या में किसान और जनप्रतिनिधि शामिल रहे। अब देखना यह है कि क्या बिजली विभाग किसानों को मूंग की फसलों के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध करा पायेगा या सिर्फ अधिकारियों ने मामले को शान्त करने के लिए घोषणा साबित होगी।
इनका कहना है :
विद्युत कंपनी के डीई अंकुर मिश्रा के द्वारा अन्नदाता किसानों के साथ जो अभद्रता की गई और जनप्रतिनिधियों से भी जिस भाषा का प्रयोग किया गया वह बहुत गलत है। हमारे द्वरा इसका विरोध किया गया है। डीई के इस रवैये को बर्दाश्त नही करेंगे उच्च अधिकारियों को शिकायत की जाएगी। दस घन्टे कृषि पम्पों के लिए बिजली उपलब्ध कराने को लेकर अधिकारियों से चर्चा की गई है।अभिषेक शर्मा, अध्यक्ष भाजपा नगर मंडल
गांवों में किसानों को सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिलने से किसान परेशान हो रहे हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों द्वरा लोड अधिक होने का हवाला देकर किसानों को परेशान किया जा रहा है। डीई के द्वारा किसानों से जो अभद्रता की गई जिसका हमने विरोध किया है। किसानों को बिजली सप्लाई निर्धारित करने को लेकर बिजली विभाग से चर्चा कर रहे हैं।वीरेंद्र कुमार मिश्रा, विधायक प्रतिनिधि
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