आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश Raj Express
मध्य प्रदेश

स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ाया कदम

सागर, मध्यप्रदेश : 11 महिलाओं के समूह ने अपने थोड़े-थोड़े बचत के पैसों से छोटी-छोटी मशीनों से गौ अंश और गूगल से धूप, अगरबत्ती, लोभान, धूनी, चिराग, हवन सामग्री, गोबर के कंडे बनाने का काम शुरू किया है।

Author : राज एक्सप्रेस

सागर, मध्यप्रदेश। जहां चाह है-वहीं राह है, इस पंक्ति को चरितार्थ किया है राष्ट्रीय आजीविका मिशन (शहरी) के तहत् 8 माह पहले नगर निगम आयुक्त आरपी अहिरवार के प्रेरणा से गठित किए गए आत्मनिर्भर सागर स्व सहायता समूह जवाहरगंज वार्ड सागर ने जिसमें 11 महिलाओं के समूह ने अपने थोड़े-थोड़े बचत के पैसों से छोटी-छोटी मशीनों से गौ अंश और गूगल से धूप, अगरबत्ती, लोहान, धूनी, चिराग, हवन सामग्री, गोबर के कंडे बनाने का काम शुरू किया है। यह ऐसी सामग्री है जो घरों में पूजा, हवन और धार्मिक कार्यो में नित्य काम आती है। साथ ही मच्छर भगाने के लिये कपूर से बनी सामग्री बनायी है, जिसे समूह की सदस्यों द्वारा तैयार कर उसे पैकिंग कर बाजार में विक्रय किया जायेगा। सामग्री के विक्रय से उन्हें जो आय होगी उससे वह अपने स्व रोजगार को बढ़ायेंगी साथ ही स्वयं भी आर्थिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगी।

यह कार्य उन महिलाओं के लिये भी प्रेरणादायी है जो समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रही है। समूह द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों का नगर निगम आयुक्त आरपी अहिरवार ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया और उत्पादों का निर्माण कैसे किया जाता है उसको सूक्ष्मता से जानकारी ली लगभग 1 घंटे निगमायुक्त ने रुककर समूह की महिला सदस्यों से सामग्री निर्माण से लेकर उनके विक्रय तक की जानकारी ली और उन्हें इस कार्य में हरसंभव मदद करने का आश्वासन भी दिया।

समूह द्वारा शुरुआती दौर में 5 उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है जिनमें धूप साब्रानी कप, जिसे चंदन डस्ट, गोबर, पानी और बर्निग पाऊडर से बनाया जाता है लोभान धूनी चिराग, जिसे लकड़ी के कोयला का पाऊडर, प्री-मिक्स पाऊडर और लोभान को मिलाकर बनाया जाता है धूप बत्ती छड़ी जिसे धूप, सा-डस्ट और सेंट फ्लेवर डालकर बनाया जाता है समूह द्वारा हवन में काम आने वाली समिधाओं का भी निर्माण किया जा रहा है जिसे गोबर और विभिन्न ग्रहों के नाम से पहचाने जाने वाली लकडिय़ों के बुरादे से इसका निर्माण किया जा रहा है तो समूह द्वारा पूजा आदि में काम आने वाले गोबर के कंडों को सांचे से बनाया जा रहा है। इन उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने और परिवहन करते समय यह अपने मूल रूप में रहें और इन्हें कोई क्षति न पहुंचे इसलिये इस समूह द्वारा इनकी पूरी पैकिंग की जाती है।

इस अवसर पर निगमायुक्त आर.पी.अहिरवार ने महिलाओं द्वारा आत्मनिर्भर बनने की दिशा प्रारंभ किये गये प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि गौवंश के नाम से समूह द्वारा उत्पादों का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें चंदन गूगल, लोभान, कपूर आदि उपयोग करके उन उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है जिनकी घरों में पूजन एवं धार्मिक कार्यों हेतु बहुत आवश्यकता होती इससे समूह की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा इसलिये हम सभी समूह द्वारा बनाये गये इन उत्पादों का उपयोग ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलें साथ ही अन्य स्व सहायता समूह की महिलाओं को भी नि:शुल्क प्रशिक्षण कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रयास किया जायेगा। ऐसे समूहों को नगर निगम द्वारा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत् बैंकों से ऋ ण दिलाने का प्रयास भी किया जायेगा ताकि महिलायें स्वयं का रोजगार स्थापित करके आत्मनिर्भर बन सकें।

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