ग्वालियर, मध्य प्रदेश। दोपहर में शहर भर में कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का पुतला दहन किया गया और शाम को 4 बजे से बालाजी मैरिज गार्डन में तुड़ाई के लिए जेसीबी मशीन लग गई। बालाजी गार्डन प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अशोक सिंह के चाचा इंदर सिंह का है। चूंकि कार्रवाई पुतला दहन के कुछ ही समय बाद की गई, इसलिए इसे द्वेष भावनापूर्ण कार्रवाई माना रहा है। मैरिज गार्डन में करीब ढाई घण्टे तक दो जेसीबी से निगम के अमले ने तुड़ाई की और दो मंजिला भवन को जमींदोज किया।
दो दिन पूर्व गांधी रोड स्थित बालाजी मैरिज गार्डन में पहुंचे प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में कार्रवाई की गई थी। कार्रवाई के दौरान मैरिज गार्डन में मौजूद टीन सेट को धराशाही कर दिया गया था। इसके बाद स्टे ऑर्डर दिखाएं जाने के बाद अमला वापस आ गया था। लेकिन शुक्रवार की शाम को अचानक प्रशासनिक अमला गार्डन पहुंच गया। शुक्रवार सुबह से दोपहर के 3 बजे तक तहसीलदार ममता शाक्य की मौजूदगी में आरआई महेश ओझा व पटवारियों ने गार्डन में माप शुरू की थी। सीमांकन की कार्रवाई पूर्ण होने पर तहसीलदार ममता शाक्य ने अपने वरिष्ट अधिकारियों को अवगत कराया गया। इसके उपरांत शाम के 4 बजे निगम की ओर से दो जेसीबी मौके पर पहुंच गईं। साथ ही पुलिस का अमला और एडीएम आशीष तिवारी, एसडीएम विनोद भार्गव, एसडीएम एचबी शर्मा पहुंच गए। वरिष्ट अधिकारियों की मौजूदगी में मैरिज गार्डन के दो मंजिला भवन को तोड़ा गया। हालांकि इस दौरान मैरिज गार्डन संचालक और उनके परिजनों की ओर से किसी प्रकार की विरोध नहीं किया गया। इसलिए कार्रवाई शांति पूर्ण तरीके से पूर्ण हो गई।
उक्त सर्वे नम्बरों का किया गया सीमांकन :
बताया गया है कि जिस जगह पर बालाजी गार्डन बना हुआ है। वह जगह सर्वे क्रमांक 1912, 1913, 1914, 1915, 1916, 1917 और 1937 में बंटी हुई है। बताया गया है कि सर्वे क्रमांक 1912 का कुछ हिस्सा बालाजी गार्डन में है, जबकि शेष हिस्से पर वैंडी स्कूल बना हुआ है। लेकिन वैंडी स्कूल को छोड़ दिया गया जिसको लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं और यह भी दिखने लगा है कि यह कार्यवाही पूरी तरह से बदले की भावना से की जा रही है।
जिन्होंने शादी के लिए बुक किया था गार्डन अब वह कहां जाएंगे :
मैरिज गार्डन पर हुई कार्रवाई से एक तरफ जहां गार्डन का संचालक के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। वहीं दूसरी ओर उससे भी बड़ी समस्या अब उन लोगों के लिए आ गई है। जिन लोगों ने अपने बेटा अथवा बेटी की शादी के लिए मैरिज गार्डन को बुक कर रखा था। चूंकि जिनके यहां पर शादी है, उन्होंने बालाजी मैरिज गार्डन का पता लिख कर कार्ड भी वितरित कर दिए हैं। ऐसी दशा में आयोजक के यहां पर आने वाले मेहमान भी परेशान होंगे।
पहले यह क्षेत्र थाटीपुर गांव में आता था :
रेल पटरी के बाद जो सरकारी बंगली बने हुए हैं वहां से लेकर मुरार नदी तक पूरा क्षेत्र थाटीपुर गांव था। शहर की बसावट बढऩे के बाद गांव शहर में तब्दील हो गया ओर अब वहां जो सरकारी बंगले बने हुए हैं वह भी एक तरह से किसी ने किसी किसान के खाते की जमीन पर ही बने हुए है। ऐसे में अगर किसी एक क्षेत्र के कुछ हिस्से को सरकारी बताया जा रहा है तो इतने साल तक जिला प्रशासन क्या करता रहा? इस कार्यवाही को लेकर सवाल इसलिए भी उठने लगे है कि सरकारी भूमि है तो फिर ऐसी सरकारी भूमि तो ओर भी है उनको भी देखना चाहिए, लेकिन जिस तरह से कार्यवाही की जा रही है उससे यह स्पष्ट होने लगा है कि कार्यवाही के पीछे मंशा कुछ और है।
द्वेष भावना पूर्ण की गई है कार्रवाई :
जिस सर्वे क्रमांक 1912 को प्रशासन मैरिज गार्डन में होना बता रहा है। उस सर्वे क्रमांक का बड़े हिस्से पर वैंडी स्कूल खड़ा हुआ है। लेकिन प्रशासन द्वारा वैंडी स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे स्पष्ट होता है कि यह कार्रवाई द्वेषपूर्ण की गई थी। मैं कोई कांग्रेस नेता नहीं हूूं। कांग्रेस द्वारा सिंधिया के पुतले दहन किए गए थे, इसके बाद मेरे मैरिज गार्डन पर कार्रवाई की गई है। जिससे प्रमाणित होता है कि कार्रवाई द्वेषभावना के वशीभूत होकर की गई है।इंदर सिंह, मैरिज गार्डन संचालक
इनका कहना :
बालाजी मैरिज गार्डन के अन्दर दो बीघा जमीन सरकारी है। उसे अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए यह कार्रवाई की गई है। वैंडी स्कूल भी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाया गया है। इसलिए अब उसकी माप की जाएगी और सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा। यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, कलेक्टर
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