सतपुड़ा भवन आग हादसा प्रारंभिक जांच रिपोर्ट  RE- Bhopal
मध्य प्रदेश

सतपुड़ा भवन आग हादसा - प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में खुलासा, बंद कमरे में हुए ब्लास्ट से लगी थी आग

Satpura Building Fire Accident: आपदा संबंधित उपकरणों की खरीदी से लेकर आपदा प्रबंधन का पूरा काम अब एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) को सौंपे जाने की तैयारी चल रही है।

Ramgopal Singh Rajput

भोपाल। सतपुड़ा भवन में लगी आग की जांच पूरी हो गई है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सतपुड़ा भवन में लगी आग बंद कमरे में हुए ब्लास्ट से फैली थी। जिस कमरे में ब्लास्ट हुआ, वहां के अधिकारी वीरेंद्र सिंह छुट्टी पर थे। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में आग के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया है। रिपोर्ट सोमवार को सरकार को सौंपी जाएगी। पहले जांच रिपोर्ट तीन दिन में सौंपी जानी थी, लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट आने में समय लग रहा है। इसके चलते कमेटी ने सरकार से रिपोर्ट सौंपे जाने के लिए 19 जून तक का समय लिया है।

गौरतलब है कि 12 जून को दोपहर के समय सतपुड़ा भवन में आग लगी थी, जो देखते ही देखते छठवीं मंजिल तक पहुंच गई थी। नगर निगम सहित तमाम अमला आग पर काबू पाने में नाकाम हो गया था, तब सेना को मदद के लिए बुलाना पड़ा था। स्थिति एयरफोर्स को बुलाने तक की आ गई थी। इस घटना पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आग लगने के प्रारंभिक कारणों को जानने कमेटी पहले दिन ही बना दी थी।

कमेटी में एसीएस होम राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग सुखबीर सिंह और एडीजी फायर आशुतोष राय को शामिल किया गया है। जांच कमेटी ने तीन दिन तक लगातार सतपुड़ा भवन जाकर तमाम बिंदुओं पर जांच की है। इस दौरान कमेटी ने लोक निर्माण विभाग के ई एंड एम विंग के वरिष्ठ इंजीनियर्स, फायर सेफ्टी इन्स्पेक्टर सहित लगभग 30 कर्मचारी-अधिकारियों के बयान लिए हैं।

उप संचालक के कमरे से भड़की थी आग

सतपुड़ा भवन में लगी आग तृतीय तल स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के उप संचालक वीरेंद्र सिंह के कमरे के एसी में हुए ब्लास्ट से फैली थी। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि उस दिन वीरेंद्र सिंह छुट्टी पर थे और कमरा बंद था। इसके चलते कमेटी ने उस कमरे के एसी के पास की जली-अधजली राख का नमूना, अधजली अवस्था में मिले दस्तावेज, वीरेंद्र सिंह के कमरे की दक्षिणी दीवार के पास अधजले सफेद कागज के टुकड़े समेत 15 नमूने लिए हैं। इन नमूनो को जांच के लिए फोरेंसिक लैब सागर भेज दिया है। इनकी जांच रिपोर्ट 15 दिन में आएगी।

अब एसडीआरएफ को सौंपी जाएगी पूरी जिम्मेदारी

सतपुड़ा भवन में लगी आग के बाद सवाल उठने लगे हैं। प्रदेश में हाईराइज बिल्डिंगें बन रही हैं। इधर, प्रदेश के सबसे बड़े प्रशासनिक भवनों में से एक सतपुड़ा भवन के तीसरे तल पर लगी आग को समय रहते नहीं बुझाया जा सका। इस वजह से आग छठवीं मंजिल तक पहुंच गई थी। अगर आग पर निगम निगम का फायर अमला काबू पा लेता, तो आग छठवीं मंजिल तक नहीं पहुंच पाती। इसको देखते हुए आपदा संबंधित उपकरणों की खरीदी से लेकर आपदा प्रबंधन का पूरा काम अब एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) को सौंपे जाने की तैयारी चल रही है, जिससे इस तरह के हादसों को रोका जा सके।

हर विभाग के कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

सतपुड़ा भवन में लगी आग से सबक लेते हुए सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों को आग लगने सहित अन्य आपदा की स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण दिए जाने की तैयारी कर ली है। इसका प्रशिक्षण सोमवार से शुरू होगा। प्रदेश के सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों को एेसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षण के माध्यम से तैयार किया जाएगा।

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