सांची बनेगा अब सोलर सिटी सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

सांची बनेगा अब सोलर सिटी, सौर ऊर्जा से होगा 7.3 मेगावाट बिजली का उत्पादन

भोपाल, मध्यप्रदेश : राजधानी के नजदीक रायसेन जिले का एक छोटा सा कस्बा सांची अब सोलर सिटी के रूप में भी अपनी पहचान बनाएगा।

राज एक्सप्रेस

भोपाल, मध्यप्रदेश। राजधानी के नजदीक रायसेन जिले का एक छोटा सा कस्बा सांची अब सोलर सिटी के रूप में भी अपनी पहचान बनाएगा। इसके लिए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सांची में ग्रीन इनर्जी को बढ़ावा देने और सोलर रूफटॉप लगाने के लिए आमजन को प्रेरित करेगी। कंपनी 12 से 18 दिसंबर तक सांची में सोलर रूफटॉप नोडल एजेंसियों के माध्यम से सोलर जागरूक कैम्प आयोजित करेगी। इन कैम्पों में सोलर के बारे में विस्तार से जानकारी के साथ ही सोलर लगाने के लाभ और सोलर रूफटॉप लगाने की प्रक्रिया के बारे में बताया जाएगा।

दरअसल अब तक सांची स्तूपों और बौद्ध तीर्थ स्थल के लिए विश्व विख्यात है। लेकिन अब जल्द ही देश की पहली सोलर सिटी के रूप में भी पहचाना जाएगा। सांची में सौर ऊर्जा के माध्यम से 7.3 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिससे बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भर होने के साथ ही सांची की अगले पांच सालों की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति सौर ऊर्जा से होगी। सौर स्ट्रीट लाइट, गार्डन लाइट, स्टड लाइट, हाई-मास्ट लाइट, सौर पेय जल कियोस्क, लोक परिवहन के लिए बैट्री चलित ई-रिक्शा, चार्जिंग स्टेशन, अक्षय ऊर्जा आधारित संयंत्र विंड टर्बाइन व पिजोइलेक्ट्रिक जनरेटर्स लगाए जाएंगे।

12 से हर कॉलोनी में लगेंगे कैम्प :

कंपनी कार्यक्षेत्र के सांची में 12 दिसंबर को हेडगेवार कॉलोनी, सांची टाऊन सांची स्तूप, बस स्टैंड, 13 दिसंबर को सांची टाऊन नियर प्राईमरी हेल्थ सेंटर, नियर रेल्वे स्टेशन, हेडगेवार कॉलोनी बस स्टैंड, 14 दिसंबर को हेडगेवार कॉलोनी, सांची टाऊन, 15 दिसंबर को सांची टाऊन, तहसील कार्यालय, हेडगेवार कॉलोनी, 17 दिसंबर को हेडगेवार कॉलोनी और 18 दिसंबर को सांची टाऊन सांची स्तूप में सोलर जागरूक कैम्प लगाए जाएंगे। इन शिविरों में सोलर रूफटॉप के मध्यप्रदेश में सभी रजिस्टर्ड वेंडर सोलर रूफटॉप को बढ़ावा देने के लिए उपभोक्ताओं को अपने परिसरों में सोलर रूफटाप लगवाने की सभी जानकारी देंगें। वहीं इसके लाभ के बारे में विस्तार से बताते हुए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

सोलर रूफटाप के लाभ एक नजर में :

  • घर, हाउसिंग सोसायटी की छत, लगी हुई खुली जगह पर सोलर पैनल से बिजली पर होने वाले खर्च की बचत।

  • सोलर पैनल से बिजली 25 साल तक मिलेगी और इसके लगाने के खर्च का भुगतान 4.5 सालों में बराबर हो जाएगा। इसके बाद अगले 20 सालों तक सोलर से बिजली का लाभ मिलता रहेगा।

  • इससे कार्बन फुटप्रिंट कम होगा और पर्यावरण को लाभ मिलेगा।

  • एक किवा क्षमता के सौर ऊर्जा पैनल के लिए लगभग 100 स्क्वायर फिट जगह की जरूरत होगी।

  • तीन किवा तक के सोलर प्लांट पर 40 प्रतिशत की सब्सिडी और 3 किवा के बाद 10 किवा तक 20 प्रतिशत की सब्सिडी भारत सरकार देगी।

सोलर प्लांट लगाने पर खर्च :

एक किलोवाट पर कुल 39 हजार 100 रूपए खर्च आएगा, इसमें से 15 हजार 640 रूपए सब्सिडी मिलेगी। यानि उपभोक्ता को सिर्फ 23 हजार 460 देना हैं। जबकि दो किवा पर 31 हजार 280, 3 किलोवाट पर 46 हजार 920 सब्सिडी मिलेगी। कुल मिलाकर एक किलोवाट का 39 हजार 100 रूपए है और इस हिसाब से हर वार्ड का खर्च लगेगा। जिसमें सब्सिडी भी बढ़ती जाएगी। कंपनी के मुताबिक गु्रप हाउसिंग सोसायटी को कॉमन सुविधा वाले संयोजन पर 500 किवा तक 10 किवा प्रति घर 20 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। सब्सिडी व भुगतान की जाने वाली राशि की जानकारी के लिए बिजली कंपनी के नजदीकी कार्यालय, कंपनी की वेबसाईट या टोल फ्री नंबर 1912 पर संपर्क किया जा सकता है।

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