भोपाल, मध्यप्रदेश। आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा द्वारा सेज ग्रुप पर डाले गए छापे की कार्रवाई में बड़े चौंकाने वाली बातें सामनें आ रही हैं। विभाग की टीम द्वारा दूसरे दिन गुरुवार को भी छापे की कार्रवाई की गई । इसमें टीम के हाथ लगे दस्तावेजों के अनुसार करीब 50 से अधिक बोगस फर्म के माध्यम से ट्रांजेक्शन किया जा रहा था। इसके अलावा ग्रुप के संचालक संजीव अग्रवाल एवं उनकी पत्नी के आयकर रिटर्न में गलत डाटा दिया गया है। विभाग की टीम ने गुरुवार को चार लॉकर खोले, जिसमें करीब छह किलोग्राम की ज्वेलरी एवं कई रजिस्ट्रियां बरामद की गई हैं। होशंगाबाद में कार्रवाई समाप्त कर दी गई है जबकि इंदौर, भोपाल में शुक्रवार को भई कार्रवाई जारी रहेगी।
400 फर्जी ईमेल आईडी :
आयकर विभाग की टीम को छापे के दौरान जप्त कम्प्यूटर आदि की जांच में रोचक जानकारी हाथ लगी है जिसमें ग्रुप द्वारा करीब चार सौ से अधिक फर्जी ईमेल आईडी सामने आई हैं। विभाग की टीम इनका परीक्षण कर रही है।
नगदी की राशि बढ़ी :
विभाग की टीम को गुरुवार को कार्रवाई के दौरान नगद राशि में भी इजाफा हो गया है। नगद राशि अब बढ़कर करीब 1.5 करोड़ हो गई है। सेज ग्रुप पर छापे की कार्रवाई के दौरान जो दस्तावेज बरामद किए गए हैं उनकी जांच के लिए दिल्ली एवं चैन्नई से टीम बुलाई गई हैं।
मेडिकल अस्पताल की हो रही जांच :
ग्रुप द्वारा राजधानी के जिन दो स्थानों होशंगाबाद रोड एवं बावड़ियां कला पर मेडिकल अस्पताल खोलने का काम किया जाना है इनको लेकर भी आयकर विभाग की टीम जांच कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन मेडिकल अस्पतालों में ग्रुप ने करीब 100 करोड़ का निवेश किया है। पूर्व में इन अस्पतालों को कोकिलाबेन अस्पताल के साथ पार्टनरशिप में शुरू किया जाना था, लेकिन अब ये अस्पताल अपोलो अस्पताल के साथ पार्टनरशिप में शुरू किए जाने हैं।आयकर विभाग की टीम को मिले दस्तावेजों के अनुसार वर्ष 2016 में नोटबंदी के दौरान ग्रुप ने उसके यहां पढ़ाई करने वाले बच्चों से भारी मात्रा में नगद राशि ली थी।
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