राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश वासियों को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने के लिये विधान सभा के शीतकालीन सत्र में राईट-टू-हेल्थ विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया है कि, स्वास्थ्य के क्षेत्र में विरासत में मिली बद्हाल व्यवस्था को सुधार कर जनोपयोगी बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। राईट-टू-हेल्थ को कानूनी जामा पहनाने के लिये ड्राफ्टिंग कमेटी गठित की गयी है। यह कमेटी सभी व्यवहारिक, कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं को ध्यान में रखकर विधेयक का मसौदा तैयार कर रही है। यह मसौदा शीघ्र ही एडवाईजरी बोर्ड को प्रस्तुत किया जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं के रिक्त पदों की होगी पूर्ति
मंत्री सिलावट ने बताया है कि चिकित्सकों और चिकित्सालय से जुड़े स्टाफ की कमी को प्राथमिकता से पूरा किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 600 संविदा एनएचएम चिकित्सकों, 1002 बन्ध पत्र चिकित्सकों और 547 पीएससी बैकलॉग चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है। सेवानिवृत्त 100 चिकित्सकों की सीधी भर्ती प्रक्रियाधीन है। प्रदेश में 1033 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति की गई है और 760 स्टाफ नर्सों की भर्ती प्रकिया चल रही है। उन्होंने बताया कि 1550 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्ति की गई है तथा 2019 एएनएम की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।
दिल्ली के मोहल्ला की तरह प्रत्येक वार्ड में खुलेंगे संजीवनी क्लीनिक
मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि, प्रदेश के महानगरों के प्रत्येक वार्ड में संजीवनी क्लीनिक खोले जायेंगे। साथ ही, 4366 संविदा पैरा-मेडिकल पदों पर शीघ्र नियुक्ति की जा रही है। एनएचएम में 279 संविदा होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की भी नियुक्ति की जा रही है। सिलावट ने कहा कि एनएचएम के अन्तर्गत 351 संविदा आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी और 80 संविदा यूनानी चिकित्सा अधिकारी की भर्ती की जा रही है। उन्होंने बताया कि अगले ढाई वर्षों में 10,000 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर और 42 संविदा दन्त शल्य चिकित्सकों की भर्ती की जाएगी।
डेंगू, मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियों का निदान
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया है कि इस साल वर्षा की अधिकता के कारण डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी संक्रामक बीमारियां व्यापक रूप से फैल रही हैं। राज्य सरकार प्रदेशवासियों को इन बीमारियों से बचाने के लिये प्रतिबद्धता के साथ निरन्तर कार्यवाही कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में प्रदेश में डेंगू के 3532 और चिकनगुनिया के 592 मामले प्रकाश में आए हैं। इनमें से डेंगू के भोपाल में 1638, जबलपुर में 402, ग्वालियर में 374 और इन्दौर में 227 मामले प्रकाश में आये हैं। चिकनगुनिया के अधिकतर मामले भोपाल और इन्दौर में प्रकाश में आए हैं।
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