सिंगरौली, मध्यप्रदेश। जिले के जलाशयों की व्यवस्था को लेकर जल संसाधन विभाग कुछ राहत की स्थिति में आ गया है। विभाग की सीधी स्थित ओ एंड एम खंड की एक टीम के यहां सक्रिय होने के बाद स्थानीय जल संसाधन विभाग का अमला ऐसा महसूस कर रहा है। इसका कारण अब तय समय में जिले के सभी जलाशयों की पानी निकासी व्यवस्था की संभावित किसी स्थिति का निराकरण हो जाना माना जा रहा है। बताया गया कि विभाग की यह टीम एक सप्ताह से अधिक समय से जिले के जलाशयों पर पहुंच रही है। इस टीम को मानसून से पहले यहां बुलाए जाने को लेकर पिछले कुछ समय से स्थानीय अधिकारी प्रयासरत थे।
जल संसाधन विभाग की ओर से हर वर्ष मानसून से पहले सभी जलाशयों के पानी निकासी गेट का निरीक्षण किए जाने तथा जरूरत वाले गेट की मरम्मत किए जाने की व्यवस्था तय है। इसके साथ ही हर जलाशय के गेट की मानसून से पहले ग्रीस आदि से सफाई भी करवाई जाती है, ताकि मानसून बाद जलाशय से सिंचाई के लिए पानी की निकासी बाधा रहित संचालित की जा सके। इसके साथ ही सही हालत में होने पर ही जलाशयों से पानी की तय मात्रा में निकासी गेट पानी की निकासी सम्भव है। इसके अभाव में जलाशयों से निकलने वाले पानी की मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है। इसका बुरा असर जल प्रबंधन पर भी पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।
इसके तहत ही स्थानीय स्तर से पत्राचार के बाद रीवा की ओ एंड एम टीम ने पिछले सप्ताह जिले में पहुंचकर जलाशयों के गेट की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री राम अवतार कौशिक ने बताया कि टीम की ओर से अब तक दस जलाशयों के गेट का वार्षिक रखरखाव व दुरस्ती का काम पूरा कर लिया गया है। शेष जलाशयों के गेट का रखरखाव कार्य भी जारी है। उन्होंने विश्वास जताया कि इसका मानसून बाद सिंचाई जल प्रबंधन में विभाग व किसानों को लाभ मिलेगा।
बताया गया कि टीम की ओर से अब तक बगदरा, मझोली, बेलदरा, बसोर, रम्पा व कुछ अन्य जलाशय के गेट का रखरखाव कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
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