भोपाल, मध्यप्रदेश। दिल्ली में हुए भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले यानी आईआईटीएफ-2022 के इंडिया पैविलियन के हिस्से के रूप में ग्रामीण भारत का प्रतिनिधित्व मंडला जिले की किसान उत्पादक महिलाओं ने किया।
इस पैविलियन में महिलाओं के नेतृत्व वाले संगठन की प्रेरक कहानियों का हिस्सा महिष्मति किसान उत्पादक कम्पनी को बनाया गया था। इस पैविलियन में भारत के उन महिलाओं के नेतृत्व वाले संगठनों को शामिल किया गया, जिन्होंने उन पर लगाए थे उन्होने कांच की दीवारों को तोड़कर रणनीतिक चुनौतियों का सामना कर श्रेष्ठ काम किया है।
देवकी उइके ने पैविलियन को संबोधित किया :
पैविलियन में महिलाओं के नेतृत्व वाले संगठनों में ग्रामीण भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली महिष्मति किसान उत्पादक कम्पनी एकमात्र संस्था थी। निदेशक मंडल की देवकी उइके और पुष्पा मरकाम ने प्रतिनिधित्व किया। देवकी उइके ने अपने संबोधन में बताया कि मंडला जिला मध्यप्रदेश के प्रमुख शहर जबलपुर के पास में स्थित एक आदिवासी बाहुल्य जिला है, लेकिन आज के समय भी अभी अधिकतर लोग खेती के उचित प्रणालियों और विभिन्न बाजारों से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं और आर्थिक समस्या का सामना कर रहे हैं।
इन समस्याओं के बीच भी अवसर को ढूंढते हुए जिले के विभिन्न स्वयं सहायताओ समूहों से जुड़ी महिलाओं ने आगे बढ़ने का सफल प्रयास किया और लगातार इस प्रयास में उत्साह से कार्यरत है। सफर की शुरूआत, एकगांव टेक्नोलॉजीज कंपनी के मोबाइल और प्रशिक्षण के द्वारा कृषि संबंधित सलाहों के साथ हुई और इससे एक नया प्रयोग करने की रोशनी लोगो में दिखायी दी, एसएचजी से जुडी महिलाओ के भरसक प्रयासो और एकगांव के लगातर सहयोग व मार्गदर्शन से महिलाओ ने एक कंपनी बनाई जिसका उद्देश्य किसानो को खेती के लिए उचित रास्ते पर ले जाना, सही और उचित कृषि इनपुट जेसे खाद, बीज, दावा उपलब्ध करने से लेकर, अलग अलग मार्केट्स के जरिए को बेचना और शेयरहोल्डर्स के जीवन में सुधार लाना रहा।
400 सदस्य जुड़े, किसानों को अच्छी खाद ,बीज, बाजार को उपलब्ध करवाया गया । महिलाओ ने विभिन्न व्यवसाय संभाल, व्यापारियों के साथ बडे स्तर पर फसल के सौदे के लिए मोल भाव किया तथा किसानो को अच्छा भाव दिलाया बिजनेस को आगे ले जाने के पथ पर एकगांव टेक्नोलॉजी के माध्यम से वायदा बाजार में फसल को बेचने का परिचय मिला और इसमें हमें पता लगा कि आज की तारीख में ही हम रेट को लॉक कर सकते हैं, ताकि बाद में यदि भाव घटने के कंडीशन में हमें कम भाव पर फसल ना बेचनी पड़े।
पहले प्रयोग में हमने किसानों से 200 क्विंटल चने की फसल को इक्ट्ठा किया और एनसीडीईएक्स के वायदा बाजार पर रेट को जुलाई 2020 माह के लॉक किया और जैसी की संभावना थी कि भाव घाट सकता है, कुछ दिन बाद वही हुआ, लेकिन हमने भाव पहले ही लॉक किया था तो हम सुरक्षित थे और हमने अपनी फसल पास के ही बाजार में बेची और अंतर का बकाया पैसा हमे एनसीडीईएक्स से मिल गया।
हम आगे भी मक्का मे भी एनसीडीईएक्स के जरिए रेट लॉक कर बिजनेस करना चाहते हैं, ताकि बाजार में कोई भी उतार चढ़ाव होने के बाद भी हमें रिस्क न लेना पडे और फसल का एक उचित समय पर हम ठीक रेट लॉक कर किसानो को फायदा दिलाया जाए एफपीओ के द्वार विभिन्न कंपनी, विभाग, केवीके के साथ लगातार कार्य चल रहा है।
खेती और गुणवत्ता को लेकर लगातार लोगों मे जागरूकता ला रहे हैं खेती के प्राकृतिक तरीके जेसे गोबर की खाद के प्रयोग जिससे लागत खचॆ भी कम होते है और फसल ज्यादा केमिकल के प्रयोग के नुक्सान से बचती हैं, इस प्रकार हमारे विभिन्न कार्यो से हमारी कोशिश है कि हम अपने संसाधनों के प्रयोग से एक नई उम्मीद और प्रेरणा लोगो में लाएंगे और उम्मीद है कि, हम जल्दी ही बड़े स्तर पर व्यापार कर किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाएंगे।
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