भोपाल, मध्यप्रदेश। एमपी के कई जिलों में हो रही अत्यधिक वर्षा के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश से डैम, नदी-नाले उफान पर आ गए हैं, सड़के जलमग्न हो गई है और कई जिलों में तो बाढ़ जैसे स्थिति उत्पन्न हो गई है। वहीं तेज आंधी की वजह से सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए है और विद्युत आपूर्ति व्यवस्था भी ठप रही। MP में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति के संबंध में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
वीसी के माध्यम से सीएम ने की बैठक :
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति और राहत कार्यों के संबंध में निवास पर वीसी के माध्यम से उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अति वृष्टि से प्रभावित प्रदेश के विभिन्न जिलों की स्थिति की जानकारी ली। इसके बाद आवश्यक कार्यों के लिए निर्देश दिये। बैठक में मंत्री सारंग एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के दल जरूरत के अनुसार आवश्यक स्थानों पर पहुंचेंगे। इसके निर्देश दिए गए हैं। विदिशा जिले के ग्रामों से निरंतर संपर्क बना हुआ है। मुख्यमंत्री चौहान को प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर अति वर्षा से उत्पन्न परिस्थितियों और विद्युत समस्याओं के सुधार की जानकारी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि विगत 24 घंटों में SDERF और NDRF ने मिलकर विदिशा में 190, राजगढ़ में 103, अशोकनगर में 94, रायसेन में 7, जबलपुर में 5, मंडला में 3, सीधी में 2 एवं गुना में 3 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है।
देर रात सड़कों पर निकले सीएम शिवराज :
इधर सोमवार देर रात सीएम शिवराज सिंह चौहान सड़कों पर निकले और अति वर्षा से उत्पन्न स्थितियों का जायजा लिया। इसके बाद किलोल पार्क चौराहे के पास सिविल लाइंस क्षेत्र में चल रहे बिजली सुधार कार्य को देखा। उन्होंने कर्मचारियों से बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कहा। साथ ही तत्परता से की जा रही सुधार कार्रवाई के लिए बिजली कर्मचारियों की सराहना भी की।
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