यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया Social Media
मध्य प्रदेश

Recruitment of PESA Coordinator: बेरोजगारों पर सबसे बड़ी मार, भर्ती में धांधली से MP का युवक हुआ निराश

Recruitment of PESA Coordinator: पेसा कॉर्डिनेटर्स की भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने CBI जांच की मांग की। ट्विटर पर वीडियो जारी कर कही ये बात।

Deeksha Nandini

Recruitment of PESA Coordinator: मध्यप्रदेश में चुनाव के पहले ही आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी हैं। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर लगातार अपने बयानों से वार कर रही हैं। ऐसे में बीते दिन भोपाल में एक प्रेस मीट के दौरान यूथ कांग्रेस अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने बीजेपी पर बड़े आरोप लगाए हैं। राज्य में 119 पेसा कॉर्डिनेटर्स की भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली के आरोप लगाए हैं। पेसा कॉर्डिनेटर भर्ती में हुई अनिमितताओं के विरुद्ध कांग्रेस, जयस व अन्य संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है।

मध्यप्रदेश में हाल ही में लागू किए गए PESA Act को लेकर जागरुकता अभियान चलाने और क्रियान्वयन के लिए पेसा समन्वयकों की नियुक्तियां की गई हैं। प्रदेश के 89 आदिवासी बाहुल्य ब्लॉकों में ब्लॉक कॉर्डिनेटर्स और 20 जिलों में जिला कॉर्डिनेटर्स को चुना गया। इन नियुक्तियों पर आरोप है कि इन नियुक्तियों में अधिकांश कॉर्डिनेटर RSS के स्वयंसेवक हैं। कांग्रेस ने इस मामले में सीबीआई की जांच कराने की मांग की है, वहीं जयस ने नियुक्तियां रद्द करने की मांग को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू कर दिया है।

युवा आदिवासी नेता ने राज्य सरकार पर साधा निशाना:

युवा आदिवासी नेता डॉ विक्रांत भूरिया ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेश में आदिवासियों के हित में लायी गयी पेसा कॉर्डिनेटर भर्ती योजना बड़े घोटाले में बदल गई है। मध्य प्रदेश के 89 आदिवासी बाहुल्य ब्लॉकों में पेसा कानून के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश सरकार ने आवेदन बुलाए थे। जिसमे आवेदकों से 500 से 600 रुपए प्रति आवेदक फीस ली गई थी। सभी आवेदकों की फीस से सरकार को लगभग एक करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इंटरव्यू के लिए आवेदकों की मेरिट लिस्ट तैयार की गई। जिसमें से 890 आवेदकों को छांटकर फरवरी-2022 में इंटरव्यू के लिए बुलाया भी गया, लेकिन कारण बताए बिना ही इंटरव्यू को कैंसिल कर दिया।

भूरिया ने आरोप लगाया कि ये चयनित लोग पेसा कानून का प्रचार करने की बजाय भाजपा के चुनावी बूथ मैनेजमेंट का काम करेंगे। भाजपा सरकार ने शिक्षित बेरोजगार युवाओं के साथ छल किया है। भूरिया ने पूछा है कि जो 119 नियुक्तियां हुईं, उसमें एक भी महिला को शामिल नहीं किया गया। क्या एक भी महिला इस पद के काबिल नहीं थी?

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