राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के एक स्कूल में नि:शुल्क कॉपियों के वितरण में सवाल उठने का मामला सामने आया है जिसमें स्कूल के प्राचार्य को निलंबित किया गया। दरअसल शहर के मलवासा क्षेत्र स्थित एक सरकारी स्कूल में वीर सावरकर के कवर वाली कॉपियों का वितरण किया गया था, जिस पर कार्रवाई करते हुए आयुक्त अजीत कुमार द्वारा प्राचार्य आरएन केरावत को निलंबित किया गया। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए स्कूल के छात्रों सहित बीजेपी के नेताओं ने प्राचार्य का निलंबन वापस लेने की मांग की है।
क्या है मामला :
जानकारी के मुताबिक, यह मामला जिले मलवासा क्षेत्र के एक शासकीय हाईस्कूल का है जहां गत 4 नवंबर को एक एनजीओ द्वारा परीक्षा की तैयारी में सहायता के लिए नि:शुल्क कॉपियां बांटी गई थी, जिसकी शिकायत किसी ने शिक्षा विभाग से कर दी। जिस मामले को गंभीरता से लेते हुए उज्जैन के आयुक्त अजीत कुमार ने प्राचार्य पर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया। आयुक्त का कहना है कि, विभाग के डीईओ की बिना अनुमति के कॉपियों का वितरण किया गया, जो कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर अनियमितता का कारण है।
छात्रहित में करता रहूंगा कार्य- प्राचार्य केरावत
इस मामले पर गलती मानते हुए प्राचार्य आरएन केरावत का कहना है कि, बिना अनुमति के कॉपियों का वितरण किया गया था लेकिन वीर सावरकर एनजीओ के सदस्य हमारे पास आए थे और बोले रजिस्टर बांटना हैं। जिसे छात्रहित के रूप में मानते हुए वितरण कर दिया गया था। साथ ही कहा छात्र हित में काम किया है, आगे भी करता रहूंगा। स्कूल में लायंस, रोटरी क्लब सहित कई क्लब शिक्षण सामग्री का वितरण करने के लिए आते हैं जिनका उद्देश्य समाज और छात्रहित होता है और यदि यह शासन की नजर में गलत है तो मुझे कार्रवाई मान्य है। बता दें कि प्राचार्य केरावत को वर्ष 2011 में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा भी जा चुका है।
स्कूली छात्रों सहित बीजेपी प्रकोष्ठ ने कार्रवाई पर जताया विरोध :
इस मामले में प्राचार्य पर की गई कार्रवाई के विरोध में स्कूली बच्चों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी कर फैसला वापस लेने की मांग की, वहीं बीजेपी प्रकोष्ठ के एनजीओ ने निलंबन वापस लेने की मांग की है कहा है कि, एक हफ्ते के अंदर निलंबन वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन किया जाएगा। साथ ही वीर सावरकर एनजीओ के सचिव मधु शिरोडकर ने इस संबंध में कहा कि सरकार बच्चों को किताबें बांट रही है। इसे लेकर परीक्षा की तैयारी के लिए बच्चों को नि:शुल्क कॉपियां बांटी गई थीं। स्कूल में निःशुल्क रजिस्टर बांटना क्या गुनाह है। यदि गुनाह है तो इसकी सजा हमें दी जाए। स्कूल के प्राचार्य को क्यों दी जा रही है।
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का आया बयान :
वहीं इस मामले ने सियासी तूल पकड़कर लिया है जिस पर बीजेपी के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बयान देते हुए कहा कि,- प्रदेश में यह क्या चल रहा है प्रदेश की अजब-गजब सरकार है जो क्रांतिकारियों और शहीदों के साहित्य की पुस्तकों के वितरण करने पर भी निलंबन की प्रक्रिया अपनाती है। साथ ही इस मामले से हटकर उन्होंने अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू वाले मामले को उठाकर कहा कि, अभिनेत्री द्वारा टुकड़े-टुकड़े गैंग का साथ देने पर प्रदेश में उनकी फिल्म टैक्स फ्री हो जाती है लेकिन शहीदों के साहित्य के वितरण पर निलंबित किया जाता है।
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