प्रमुख सचिव के वेतनमान से रिटायर्ड हुए एक अधिकारी को सप्ताह भर पहले सीबीआई का नोटिस मिला है। सीबीआई ने हत्या के एक मामले में बयान के लिए रिटायर्ड प्रमुख सचिव को बुलाया है। नोटिस देखकर रिटायर्ड अफसर आश्चर्य चकित रह गए। पहले तो उन्हें समझ में ही नहीं आया कि माजरा क्या है। इस दौरान वहां उपस्थित उनकी अफसर बेटी ने बताया कि मामला क्या है। साथ ही यह भी कहा कि नोटिस लेना जरूरी है। नोटिस मिलने के बाद रिटायर्ड साहेब अब सीबीआई कार्यालय जांच के लिए जाएंगे। देखना है साहेब कब सीबीआई के समक्ष उपस्थित होते हैं। रिटायर्ड साहेब के बयान के बाद हत्याकांड की और परते खुल सकती हैं।
मंत्री के यहां बीस गाडि़यां
शिवराज सरकार के एक मंत्री ने विभाग से बीस गाडि़यां अपने पास लगा रखी हैं। ये गाडि़यां उनके भोपाल और गृह क्षेत्र में दौड़ रही हैं। बताया जाता है कि विभाग ने मंत्री जी के फरमान पर ट्रैवल्स से किराए पर लेकर ये गाडि़यां उन्हें मुहैया कराई हैं। इनमें से अधिकांश गाडि़यां मंत्री जी के आगामी समय होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगी हैं। यही नहीं इस काम के लिए मंत्री जी ने तीन कर्मचारी भी विभाग से आउटसोर्स पर लेकर उन्हें अपने क्षेत्र के चुनावी काम में लगा दिया है। वे मतदाताओं की पूरे डिटेल और अन्य डाटा बनाने का काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि ग्वालियर- चंबल अंचल से वास्ता रखने वाले ये मंत्री जी किसी न किसी कारण से लगातार मीडिया में बने रहते हैं।
विवेक तन्खा के पुत्र वरुण भी उतर सकते हैं सियासत में
कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा के पुत्र वरुण भी आने वाले दिनों में सियासत में नजर आ सकते हैं। वरुण अपने नाना की राजनीतिक कर्मभूमि नरसिंहपुर से इस बार चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में इस जिले की चार विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने तीन पर विजय पाई थी। केवल नरसिंहपुर सीट ही भाजपा के पास रही थी। कांग्रेस इस बार भाजपा के जालम सिंह पटेल के खिलाफ वरुण तन्खा को मैदान में उतार सकती है। इस सीट पर वरुण के नाना स्वर्गीय कर्नल अजय मुश्रान कई बार विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं। अजय मुश्रान के पिता श्याम सुंदर नारायण मुश्रान भी यहां से विधायक और मंत्री रह चुके हैं। मुश्रान परिवार का क्षेत्र में काफी प्रभाव है। यह परिवार यहां कई प्रकार के सेवाकार्य चला रहा है। माना जा रहा है कि इस सीट को जीतने कांग्रेस वरुण पर दांव खेल सकती है।
विभागाध्यक्ष की मनमानी से परेशान महिला अफसर
एक विभागाध्यक्ष द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का प्रयास महिला अफसर पर भारी पड़ रहा है। बिना काम के चहेतों के बिल की स्वीकृति करने के फरमान को वित्त सेवा की अधिकारी ने मानने से इंकार कर दिया। महिला अधिकारी ने विभागाध्यक्ष को लिखकर भेज दिया कि फाइल पर स्पष्ट रूप से लिखा जाए कि कार्य पूरा हो गया है। इस कारण पूरा भुगतान किया जाए। महिला अधिकारी का सही बात लिखना विभागाध्यक्ष को इतना नागवार गुजरा कि हर सप्ताह महिला अधिकारी को नोटिस दे रहे हैं। विभागाध्यक्ष के पास सचिव का भी प्रभार है, इस कारण उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। महिला अधिकारी ने मुख्य सचिव से न्याय की गुहार की है। देखना है कि महिला अफसर को न्याय मिलता है कि नहीं।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।