हाइलाइट्स :
मध्यप्रदेश में बीजेपी का वोट शेयर 48.52 प्रतिशत रहा।
मालवा - निमाड़ में काम नहीं आई राहुल और प्रियंका की रैलियां।
इंदौर में 33 साल बाद कांग्रेस नहीं खोल पाई अपना खाता।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 की काउंटिंग में बीजेपी को बहुमत से ज्यादा सीटें मिली तो वहीं कांग्रेस के हाथ मायूसी लगी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने खूब चर्चायें बटोरी थीं। एमपी के मालवा - निमाड़ के 6 जिलों से भारत जोड़ो यात्रा निकली थी, लेकिन 30 सीटों में कांग्रेस सिर्फ 5 सीटें ही जीत पाई। यह यात्रा मध्यप्रदेश के मालवा - निमाड़ में असरदार साबित नहीं हुई।
गौरतलब है कि, कांग्रेस ने अपने वोट बैंक बढ़ाने और जनता के बीच अपनी पैठ बैठने के लिए भारत जोड़ो यात्रा निकली थी। भारत जोड़ो यात्रा ने नवंबर 2022 में एमपी के अंदर प्रवेश किया था। मालवा - निमाड़ की 30 सीटों पर होते हुए यात्रा राजस्थान पहुंची थी। भारत जोड़ो यात्रा के बाद भी विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने जनसभा और रोड शो किया था।
एमपी के आगर - मालवा में सीटें हैं। इसमें से एक सीट बीजेपी के खाते में गई तो एक सीट कांग्रेस पक्ष में गई। वहीं उज्जैन की सात विधानसभा की 7 सीटों में 5 बीजेपी को मिली हैं। कांग्रेस को केवल दो ही सीट मिली हैं। साल 2018 में कांग्रेस ने 4 सीटें जीती, बीजेपी को 3 सीटें मिली थी।
बुरहानपुर की दोनों विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीते दर्ज की है। पिछले चुनाव में बीजेपी यहां से एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। कांग्रेस को एक सीट और एक सीट निर्दलीय को गई थी।
खरगोन कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। 2018 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने पांच सीटें जीती थी और निर्दलीय ने 1 सीट। बीजेपी खाता भी नहीं खोल पाई थी। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने चार सीटें और कांग्रेस ने सिर्फ 2 सीटें जीती हैं।
इंदौर में इस बार कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई। बीजेपी को इंदौर में 9 सीटें मिली हैं। पिछले चुनाव में 9 सीटों में कांग्रेस को 4 सीट मिली थी और बीजेपी को 5 सीटें मिली थी। 2023 में 33 साल बाद कांग्रेस विफल रही है।
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