राज एक्सप्रेस। राजधानी भोपाल में स्थित मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित हो रहे पांच दिवसीय "राष्ट्रीय पुतुल समारोह" का आज आखिरी दिन है। कठपुतली कला की विविध शैलियों पर एकाग्र इस पुतुल समारोह का आयोजन 16 अक्टूबर से हो रहा है। यह कार्यक्रम संग्रहालय के मुक्ताकाश मंच पर प्रतिदिन सायं सात बजे से आयोजित होता है।
मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी-
समारोह के पहले दिन कोलकाता से आए कलाकार सुदीप गुप्ता ने साथी कलाकारों के साथ प्रस्तुति दी। उन्होंने कठपुतली कला की छड़ शैली में 'टेमिंग ऑफ द वाइल्ड' का मंचन किया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन 17 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश राज्य के बनारस से आए मिथिलेश दुबे ने अपने साथी कलाकारों के साथ छड़ पुतली शैली में ही 'मोहन से महात्मा' कथा का मंचन किया।
वहीं तीसरे दिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से आए कलाकार प्रदीपनाथ त्रिपाठी ने साथी कलाकारों के साथ मिलकर इस ही शैली में 'लवकुश एवं अलादीन' का मंचन किया।
कार्यक्रम के चौथे दिन 19 अक्टूबर को मोहम्मद शमीम ने साथी कलाकारों के साथ छड़ और धागा पुतली शैली में 'गुलीवर ट्रेवल एवं हमारा सर्कस' का मंचन किया। जिसकी झलकियां आप इस वीडियो में देख सकते हैं-
समारोह के अंतिम दिन, आज 20 अक्टूबर को पड़ोसी राज्य राजस्थान के उदयपुर जिले से आए 'भारतीय लोक कला मंडल' द्वारा धागा पुतली शैली में 'रामायण एवं काबुलीवाला' का मंचन होगा। आज का ये कार्यक्रम भी रोज़ की भांति शाम सात बजे आयोजित होगा।
इसके साथ ही देश की राजधानी दिल्ली से आईं कलाकार सरिता साज अपने साथी कलाकारों के साथ महात्मा गाँधी के 150वें जन्मवर्ष के अवसर पर सुराज गीतों का गायन करेंगी। यह कार्यक्रम सायं 6 बजे से होगा।
16 से 20 अक्टूबर तक आयोजित 'राष्ट्रीय पुतुल समारोह' में कठपुतली कला प्रदर्शन के साथ-साथ जनजातीय परम्पराओं को बढ़ावा देने के लिए कई और कार्यक्रम भी आयोजित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में इस दौरान प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से मध्यप्रदेश, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, असम, सिक्किम, बिहार और ओड़िसा राज्यों के देशज व्यंजनों के स्टॉल्स एवं पारम्परिक वस्त्र मेले का आयोजन भी हो रहा है।
राजधानी 'भोपाल' के लिए अलग मंच-
पुतुल समारोह के आखिरी दो दिन, 19 और 20 अक्टूबर को स्थानीय कलाकार दिलीप मासूम भी प्रस्तुति देंगे। वे अपने साथी कलाकारों के साथ धागा-पुतली शैली में दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक कठपुतली कला का प्रदर्शन करेंगे।
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