राज्‍य स्‍तरीय समीक्षा बैठक वेबीनार के माध्‍यम से आयोजित की गई Social Media
मध्य प्रदेश

मूक वन्यप्राणियों की आवाज बनें अभियोजन अधिकारी - पुरुषोत्तम शर्मा

सिंगरौली, मध्य प्रदेश : विलुप्‍त प्राय वन्‍यजीव के शिकार के प्रकरण को प्राथमिकता के आधार पर शासन स्‍तर पर चिन्हित कराये जाकर त्‍वरित निराकरण किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

Author : Shashikant Kushwaha

सिंगरौली, मध्य प्रदेश। वन्य जीवों के शिकार एवम अवैध रूप से तस्करी के मामलों पर लगाम कसने को लेकर समय समय पर पुलिस व जंगल विभाग की टीम जीवों के संरक्षण को लेकर कार्यवाही करती रहती है परंतु इसके बावजूद भी कुछ आपराधिक किस्म के लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आते जिसका खामियाजा जंगली जानवरों की तस्करी और शिकार करते हैं। राज्‍य समन्‍वयक श्रीमती सुधा विजय सिंह भदौरिया (वन/वन्‍यप्राणी) लोक अभियोजन म.प्र. द्वारा बताया गया कि विलुप्‍तप्राय वन्‍यजीव शिकारियों को अब नहीं बख्‍शा जावेगा |

राज्‍य स्‍तरीय समीक्षा बैठक का हुआ आयोजन :

जिला समन्‍वयक (वन/वन्‍यप्राणी) की राज्‍य स्‍तरीय समीक्षा बैठक महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन मध्‍य प्रदेश भोपाल की अध्‍यक्षता में वेबीनार के माध्‍यम से आयोजित की गई समीक्षा बैठक का संचालन राज्‍य समन्‍वयक (वन/वन्‍यप्राणी) लोक अभियोजन मध्‍य प्रदेश द्वारा किया गया। श्री शर्मा ने शिकारियों पर शिकंजा कसने एवं सजायाबी का प्रतिशत बढ़ाने बावत पैरवीकर्ता अभियोजन अधिकारियों को निर्देश जारी किए कि विलुप्‍त प्राय वन्‍यजीव के शिकार के प्रकरण को प्राथमिकता के आधार पर शासन स्‍तर पर चिन्हित कराये जाकर त्‍वरित निराकरण किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

प्रकरणों के संबंध में देना होगा प्रतिदिन रिपोर्ट :

सभी जिला समन्वयक (वन-वन्‍यप्राणी) को निर्देशित किया गया है कि वे अनुसूचित वन्यप्राणी से संबंधित वन्‍यप्राणी आपराधिक प्रकरणों एवं अतंर्राज्‍यीय/अंतरराष्‍ट्रीय वन्‍यजीव अपराधों कि तस्‍करी से सबंधित प्रकरणों की प्रगति रिपोर्ट जैसे रिमांड, जमानत, वाहन सुपुर्दनामा, प्रोडक्‍शन वारंट, सजा एवं बरी आदि राज्‍य समन्‍वयक (वन/वन्‍यप्राणी) लोक अभियोजन मध्‍यप्रदेश लोक अभियोजन मध्‍यप्रदेश को प्रतिदिन निर्धारित प्रारूप में प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें ताकि राज्य समन्वयक द्वारा ऐसे प्रकरणों की समीक्षा एवं मॉनिटरिंग की जाकर तत्‍काल प्रभाव से दिन प्रतिदिन संचालक लोक अभियोजन मध्‍यप्रदेश को अवगत कराया जाये एवं शसक्त पैरवी कर अपराधियों को अधिकतम सजा कराई जा सके l

बहरहाल वन्यजीवों के शिकार एवं तस्करी को लेकर पहले से ही कठोर कानून बने हुए हैं परंतु शिकारी अपने अनैतिक गतिविधियों को फिर भी बखूबी अंजाम देते रहे हैं और शायद इसी का परिणाम रहा है सही बने प्राणी का अस्तित्व खतरे में आ चुका है शासन उन्हें संरक्षित करने को लेकर प्रयत्नशील है।

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