जबलपुर, मध्य प्रदेश। मप्र हाईकोर्ट ने स्कूलों की मनमानी फीस वसूली व सरकार के आदेश का पालन न करने वाले भोपाल के बिल्लाबोंग इंटरनेशनल स्कूल को कहा है कि वह अगली सुनवाई तक राज्य सरकार द्वारा दिये गए आदेशों के मुताबिक ही निजी स्कूल फीस वसूल करे। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने एक मामले पर नोटिस जारी करते हुए यह अंतरिम आदेश दिया।
यह मामला भोपाल के समाजसेवी अमित शर्मा की ओर से दायर किया गया है। जिसमें राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने सीबीएसई के 17 अप्रैल 2020 के सर्कुलर को आधार बनाते हुए 24 अप्रैल और 16 मई को सभी कलेक्टरों को प्राइवेट स्कूलों की फीस से संबंधित दो आदेश जारी किये थे। पहले आदेश में प्राइवेट स्कूलों द्वारा कोई भी फीस नहीं बढ़ाए जाने और 30 जून तक फीस जमा नहीं करने पर किसी का भी एडमिशन निरस्त नहीं करने के निर्देश दिए थे। दूसरे आदेश में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए लॉकडाउन अवधि में ट्यूशन फीस के अलावा कोई भी अतिरिक्त शुल्क न लेने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद भी निजी स्कूल द्वारा अपने मुताबिक फीस वसूले जाने के खिलाफ यह याचिका की गई थी। सुनवाई पश्चात न्यायालय ने उक्त अंतरिम आदेश देते हुए अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को निर्धारित की है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अजय गुप्ता ने पक्ष रखा।
स्कूलों के पक्ष में पारित अंतरिम आदेश वापस हो :
वहीं नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने हाईकोर्ट की इंदौर खण्डपीठ में अर्जी दाखिल करके फीस वसूलने के संबंध में एसोसिएशन ऑफ अनएडेड सीबीएसई स्कूल के पक्ष में 16 जून 2020 को पारित अंतरिम आदेश को वापस लेने की राहत चाही है। मंच के डा. पी.जी. नाजपाण्डे और रजत भार्गव की ओर से दायर इस अर्जी में कहा गया है कि स्कूल फीस से संबंधित मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण न्यायहित में अंतरिम आदेश वापस लिया जाना जरूरी है।
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