इंदौर, मध्य प्रदेश। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की फायनल इयर की परीक्षाएं अगस्त के तीसरे सप्ताह से शुरु करने की तैयारी में हैं। हालांकि फायनल डिसीजन मप्र शासन की ओर से गाइडलाइन आने पर ही लिया जाएगा। प्रबंधन के अनुसार 15 अगस्त के आसपास परीक्षा करवाए जाने की तैयारी है। इसमें सबसे अधिक समस्या उन स्टूडेंट्स के सामने है जो लॉकडाउन के चलते अपने-अपने घर चले गए थे। परिवहन की सुविधा अभी शुरु नहीं हुई है, ऐसे मेंं बाहर गए स्टूडेंट्स परीक्षा देने कैसे आएंगे यह बड़ा सवाल है। इतना ही नहीं बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स को रहने, खाने से लेकर अन्य चीजों की परेशानी से भी दो चार होना पड़ेगा। प्रबंधन के पास आए दिन बाहर से यहां आकर पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की रहने, खाने आदि की समस्याएं भी दिन-प्रतिदिन आ रही हैं। लेकिन प्रबंधन के पास कोई ठोस जवाब नहीं है।
प्रदेश सरकार फायनल वालों तक को दे चुका था जनरल प्रमोशन :
मप्र सरकार ने कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई स्थिति को देखते हुए यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के करीब 18 लाख स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा में एडमिशन देने का फैसला लिया था। हालांकि यह घोषणा ही हुई थी, इसे लेकर कोई गाइडलाइन जारी ही नहीं हो पाई और इसी बीच यूजीसी ने फायनल इयर और सेमेस्टर की परीक्षा को अनिवार्य कर दिया। प्रदेश के उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा कॉलेजों के यूजी पहले और दूसरे वर्ष और पीजी दूसरे सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के ही आंतरिक मूल्यांकन के जरिए अगली कक्षा व सेमेस्टर में एडमिशन मिलेगा। यह समस्या भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन को परेशान कर रही है। दरअसल अगली कक्षा में एडमिशन किस आधार पर दिया जाएगा इसे लेकर कोई खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है।
परंपरागत कोर्स के अलावा अन्य की भी परीक्षा लेना होगी :
सूत्रों के अनुसार यदि रा'य शासन परीक्षा करवाने का निर्णय लेता है तो डीएविवि को बीए, बीकॉम, बीएससी फायनल इयर के बचे हुए पेपर की परीक्षा लेना होगी। इसके अलावा बीबीए, बीसीए, एलएलबी, बीएएलएलबी, बीएड, एमबीए समेत अन्य के फायनल सेमेस्टर की परीक्षा भी लेना होगी। इनमें कुछ विषय ऐसे हैं जिनकी परीक्षाएं तो लॉकडाउन के पहले शुरु भी नहीं हो पाई थी। यदि एक महीने बाद भी परीक्षाएं शुरु की जाती है तो कम से कम दो महीने तक तो परीक्षएं ही चलेगी, इस तरह सितंबर अंत तक परीक्षाएं चलेगी। इसके बाद इनका रिजल्ट निकालने में दो महीने का वक्त लग जाएगा इस तरह नवंबर का समय भी खत्म हो जाएगा। इसके बाद यदि कॉपी का रिव्यू और अन्य खामिया निकलती हैं तो इससे पूरा साल ही खत्म हो जाएगा। स्टूडेंट्स का कहना हैं कि यदि मप्र सरकार फायनल की परीक्षा करवाती भी है तो क्या हमें तैयारी के समय मिलेगा भी या नहीं। आखिर किस आधार पर फायनल की परीक्षाएं करवाई जा रही है, जबकि कई स्टूडेंट्स तो अभी भी बाहर से आने में असमर्थ हैं।
प्रदेश सरकार ने लिया यूटर्न :
यूजीसी ने पहले रा'यों को सितंबर अंत तक ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया था। यूजीसी ने रा'यों से परीक्षाओं के संचालन पर संशोधित दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा भी है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश में परीक्षाएं आयोजित की जाएगी। यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी को अंतिम वर्ष की लंबित परीक्षाओं को 30 सितंबर तक करवाने का समय दिया है। पहले इन परीक्षाओं को एक से पंद्रह जुलाई के बीच करवाया जाना था, जिसे कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए आगे बढ़ाया गया।
अगले सप्ताह तक आ सकता है आदेश :
शासन की ओर से अगले सप्ताह तक आदेश आने की उम्मीद है। उसके बाद ही परीक्षा को लेकर निर्णय लिया जाएगा। हमने अगस्त के तीसरे सप्ताह से परीक्षा करवाने की योजना बनाई है। बाहर से यहां आकर पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की रहने, खाने आदि की समस्याएं भी दिन-प्रतिदिन आ रही हैं। हम सभी को शासन का आदेश आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट करने का कह रहे हैं।प्रो. अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक, डीएविवि
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