राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में गांजे की खेती को वैध करने की तैयारी प्रदेश सरकार कर रही है जिसमें अफीम की खेती की तरह इसे हर साल लाइसेंस दिया जाएगा। इसके लिए वाणिज्यिक कर विभाग प्रदेश के एनडीपीएस नियम 1985 में बदलाव करने जा रहा है। जिसके लिए सरकार का दावा है इसका इस्तेमाल कैंसर की दवाई बनाने के लिए किया जाएगा।
क्या है सरकार का फैसला:
प्रदेश सरकार के फैसले के तहत गांजे की खेती को वैध करने की तैयारी शुरू हो चुकी है जिसके लिए एनडीपीएस नियम 1985 में बदलाव कर इसे नये स्तर पर शुरू किया जाएगा। इंडसकेन कंपनी के प्रस्ताव पर किया जा रहा है कंपनी का दावा है कि गांजे से कैंसर सहित अन्य असाध्य बीमारियों की दवा बनाने के लिए उपयोगी है। जिसके साथ ही कैंसर की दवाई बनाने के लिए 1200 करोड़ रुपओ का निवेश प्रस्ताव कंपनी ने दिया है जिस पर प्रदेश सरकार मंजूरी दे चुकी है।
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री का बयान :
इस संबंध में प्रदेश कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि, इसे गांजे की खेती ना कहकर हैम्प की खेती कहा जाता है जो देश के बीजेपी शासित प्रदेशों उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड में की जा रही है। साथ ही कहा कि, गांजे की खेती से कैंसर जैसी बीमारियों की दवाएं बनाने में फायदा मिलेगा, जिससे प्रदेश में एक विधा की शुरुआत होगी।
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