Digvijay Singh Statement RE-Bhopal
मध्य प्रदेश

जिन राजनेताओं की चमड़ी मोटी नहीं होती वे राजनीति में टिक नहीं पाते - दिग्विजय सिंह

gurjeet kaur

हाइलाइट्स :

  • गाली खाने की पावर ऑफ अटॉर्नी से शुरू हुआ था विवाद।

  • मध्यप्रदेश की राजनीति में लगाए जा रहे हैं कई कयास।

  • दिग्विजय सिंह ने कहा, जिस पर विश्वास करते हैं उस पर दृढ़ रहें।

भोपाल, मध्यप्रदेश। जिन राजनेताओं की त्वचा मोटी नहीं होती वे राजनीति में टिक नहीं पाते। यह बात मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कही है। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के मतदान में महज 15 दिनों का समय बचा है। ऐसे में दिग्विजय सिंह के इस बयान के काफी मायने हैं। दिग्विजय सिंह के इस पोस्ट के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में कई कयास लगाए जा रहे हैं।

क्या है ट्वीट

पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने नेताओं को कैसा होना चाहिए? यह बताते हुए (X) पर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि, जिन नेताओं की चमड़ी मोटी नहीं होती, वह राजनीति में टिक नहीं पाते। सार्वजनिक जीवन का मूल सिद्धांत है। आप जिस पर विश्वास करते हैं उस पर दृढ़ रहें और अपने दृढ़ विश्वास के लिए गाली खाने के लिए भी तैयार रहें। आगे उन्होंने लिखते हुए कहा कि गांधी जी की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उनमें " दृढ़ विश्वास का साहस" था! अब कहां हैं ऐसे राजनेता? दुखद।

क्या था बीते दिनों का विवाद :

भोपाल स्थित रवींद्र भवन में कांग्रेस ने वचन पत्र जारी किया था। कार्यक्रम में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मंच से कहा था कि, मैंने अपने हिस्से की 'गाली खाने की पावर ऑफ अटॉर्नी' दिग्विजय सिंह को दी है। इसी बात को लेकर राजनीति के क्षेत्र में अंदरूनी कलह की बातें चल रही है। हालांकि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ दोनों ने ही विवाद की बात से इंकार किया था।

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