हाइलाइट्स:
PM मोदी दिल्ली में प्रॉजेक्ट चीता को लेकर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे।
अब तक 5 चीते और 3 शावकों की मौत हो चुकी है।
कूनो नेशनल पार्क में अब 16 चीते बचें हैं।
प्रोजेक्ट चीता केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता का प्रोजेक्ट है।
Kuno National Park: प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली में प्रॉजेक्ट चीता को लेकर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। ये बैठक बुधवार को होगी। कूनो नेशनल पार्क में चीतों की लगातार मौत हो रही है। प्रधानमंत्री चीता प्रोजेक्ट की प्रगति को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे। भारत में चीतों को बसाने के लिए नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे। सबसे पहले 8 चीते नामीबिया से 17 सितंबर 2022 को आए थे। इनमें से अब तक 5 चीते और 3 शावकों की मौत हो चुकी है। यह पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इधर मंगलवार को मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में चीता पुनर्वास प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक की।
कूनो नेशनल पार्क में अब 16 चीते बचें हैं। इनमें से 1 चीता शावक है। 11 चीतों को जंगल में खुला छोड़ा गया है। 4 चीतों को बाढ़े में बंद रखा गया है। कुछ चीते जिन्हे खुला छोड़ा गया था वे कूनो की सीमा से बाहर चले गए थे इसके बाद इन्हे बाढ़े में बंद कीया गया था। प्रोजेक्ट चीता केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता का प्रोजेक्ट है। अब तक प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए खर्च किये जा चुके हैं। प्रोजेक्ट चीते की सफलता के लिए अधिकारियों को विदेश भी भेजा गया था। कूनो में चीते की मौत से विशेषज्ञ चिंता में हैं।
चीतों की स्थिति की नियमित समीक्षा हो: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
भोपाल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि चीता पुनर्वास प्रोजेक्ट में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाए गए चीतों में से कुछ चीतों की मृत्यु, चिंता का विषय है। उनके स्वास्थ्य और देखभाल के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गठित चीता टास्क फोर्स को राज्य शासन की ओर से हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाए। श्री चौहान मंगलवार को मंत्रालय में चीता पुनर्वास प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। वन मंत्री विजय शाह वर्चुअली शामिल हुए। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव वन जे.एन. कंसोटिया और वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में पर्याप्त वन्य-प्राणी चिकित्सकों सहित सभी आवश्यक दवाओं और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही चीतों की स्थिति की नियमित समीक्षा की व्यवस्था हो। आवश्यकता होने पर फॉरेस्ट गार्ड की संख्या और पुनर्वास प्रोजेक्ट के लिए उपलब्ध क्षेत्र में वृद्धि की जाए। चीता परियोजना का क्रियान्वयन केन्द्र सरकार द्वारा गठित चीता टास्क फोर्स के निर्णयों के अनुसार किया जाता है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12 इस प्रकार कुल 20 चीते लाए गए। वर्तमान में 10 चीते खुले जंगल में विचरण कर रहे हैं तथा 5 चीतों को बाड़ों में रखा गया है। सभी चीतों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। भारतीय वन्य जीवन संस्थान, देहरादून का एक शोध दल पूर्णकालिक रूप से परियोजना के क्रियान्वयन के लिए पालपुर में मौजूद है।
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