हाइलाइट्स :
आज मध्यप्रदेश के सतना जिले की धार्मिक नगरी चित्रकूट में पीएम मोदी आए
चित्रकूट स्थित श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के कार्यक्रम में पीएम मोदी शामिल हुए
इस दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री शिवराज भी उनके साथ उपस्थित रहे।
चित्रकूट (सतना), मध्यप्रदेश। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एकदिवसीय मध्यप्रदेश प्रवास के दौरान सतना जिले की धार्मिक नगरी चित्रकूट स्थित श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज चौहान भी उनके साथ उपस्थित रहे। पीएम मोदी ट्रस्ट के प्रथम अध्यक्ष स्वर्गीय अरविंद भाई मफतलाल की शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम के सिलसिले में यहां आए। उन्होंने ट्रस्ट की सभी गतिविधियों का अवलोकन करने के साथ ट्रस्ट के जानकीकुंड चिकित्सालय की नई विंग की भी शुरुआत की।
स्वर्गीय अरविंद भाई के शताब्दी जन्म वर्ष समारोह में PM ने कहा-
यहां स्वर्गीय अरविंद भाई मफतलाल के शताब्दी जन्म वर्ष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- आज जानकीकुंड चिकित्सालय के नए विंग का लोकार्पण हुआ है, इससे लाखों मरीजों को नया जीवन मिलेगा। आने वाले समय में सद्गुरू मेडिसिटी में गरीबों की सेवा के इस अनुष्ठान को नया विस्तार मिलेगा।आज इस अवसर पर अरविंद भाई मफतलाल की स्मृति में भारत सरकार ने विशेष स्टैंप भी रिलीज किया है। ये पल अपने आप में हम सबके लिए गौरव का पल है, संतोष का पल है। मैं आप सबको इसके लिए बधाई देता हूं।
मुझे खुशी है कि अरविंद भाई का परिवार उनकी परमार्थिक पूंजी को लगातार समृद्ध कर रहा है। मैं इसके लिए उनके परिवार के सभी सदस्यों को बधाई देता हूं।प्रधानमंत्री
PM मोदी ने कहा, "चित्रकूट के बारे में कहा गया है- 'कामद भे गिरि राम प्रसादा। अवलोकत अपहरत विषादा' अर्थात चित्रकूट के पर्वत, कामदगिरि, भगवान राम के आशीर्वाद से सारे कष्टों और परेशानियों को हरने वाले हैं। चित्रकूट की ये महिमा यहां के संतों और ऋषियों के माध्यम से ही अक्षुण्ण बनी हुई है। पूज्य रणछोड़दास जी ऐसे ही संत थे। उनके निष्काम कर्मयोग ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांच मंदिर का दौरा किया और पूजा अर्चना की, इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चित्रकूट में तुलसी पीठ के जगद्गुरु रामानंदाचार्य से मुलाकात की। फिर प्रधानमंत्री ने तुलसी पीठ के जगद्गुरु रामानंदाचार्य के साथ तीन पुस्तकें- 'अष्टाध्यायी भाष्य', 'रामानंदाचार्य चरितम्' और 'भगवान श्री कृष्ण की राष्ट्र लीला' का विमोचन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मेरा सौभाग्य है, आज पूरे दिन मुझे अलग-अलग मंदिरों में प्रभु श्रीराम के दर्शन का अवसर मिला और संतों का आशीर्वाद भी मिला। विशेषकर संत रामभद्राचार्य जी का स्नेह जो मुझे मिलता है वह अभिभूत कर देता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- "दुनिया में इन हजारों वर्षों में कितनी ही भाषाएं आईं और चली गईं। नई भाषाओं ने पुरानी भाषाओं की जगह ले ली। लेकिन हमारी संस्कृति आज भी उतनी ही अक्षुण्ण और अटल है। संस्कृत समय के साथ परिष्कृत तो हुई लेकिन प्रदूषित नहीं हुई" दूसरे देश के लोग मातृभाषा जाने तो ये लोग प्रशंसा करेंगे लेकिन संस्कृत भाषा जानने को ये पिछड़ेपन की निशानी मानते हैं। इस मानसिकता के लोग पिछले एक हजार साल से हारते आ रहे हैं और आगे भी कामयाब नहीं होंगे।
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