हाइलाइट्स :
महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित हुआ 13 वां भारतीय छात्र संसद।
शिवराज बोले पद छोड़ा है लेकिन राजनीति में रहूंगा सक्रीय।
छात्रों के साथ चौहान ने साझा किये राजनीतिक जीवन के अनुभव।
Bharatiya Chhatra Sansad : भोपाल, मध्यप्रदेश। लोग मुझे पूर्व सीएम कहते हैं पर मैं Rejected मुख्यमंत्री नहीं हूँ, लोगों का प्यार मेरे साथ है। यह बात मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MIT पुणे में आयोजित 13 वें भारतीय छात्र संसद में संबोधन के दौरान कही। इस कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों के समक्ष अपने प्रारंभिक राजनीतिक जीवन पर चर्चा की।
शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में कहा, "लोग मुझे पूर्व मुख्यमंत्री कहते हैं, लेकिन मैं नकारा (Rejected) गया मुख्यमंत्री नहीं हूं...लोगों का प्यार ही मेरी असली पूंजी है। मैंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया है, लेकिन यह इसका मतलब यह नहीं कि मैं राजनीति में सक्रिय नहीं रहूँगा।
उन्होंने कहा कि, राजनीति में दो तरह के लोग होते हैं। एक तो वो जो देश-प्रदेश और समाज के लिए कुछ करना है और इसलिए राजनीति में आते है। दूसरे वो नेता जो राजनीति को ही अपना करियर बना लेते हैं, कुर्ता - पजामा पहन कर सतही राजनीति करते हैं। कई लोग सोचते हैं राजनीति खराब काम है लेकिन ऐसा नहीं है। यह मानसिकता गलत है।
लाड़ली बहना योजना कोई फ्रीबी योजना नहीं है :
शिवराज सिंह चौहान लाड़ली बहना योजना पर बात करते हुए कहा, यह कोई फ्रीबी योजना नहीं है। महिला शक्तिकरण के लिए उठाया गया क्रांतिकारी कदम है। जब महिलाएं अपने ससुराल जाती थीं तो पति से 500 रुपए भी मांगने पड़ते थे यह जानकर मुझे बहुत दुःख हुआ। मुझे लगा मैं किस दिन काम आऊंगा। हमने लाड़ली बहना योजना बनाकर महिलाओं को 1250 रुपए देने शुरू किये। अगर राजनीति में नहीं होते तो क्या ये हो पाता।
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