राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के महाराजपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों डॉक्टर द्वारा इलाज तो किया जा रहा है लेकिन मरीजों को फार्मेसिस्ट न होने की वजह से दवाईयों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पर्चा बनाने और दवाईयों के वितरण के लिए नदारद है स्टाफः
इस संबंध में सप्ताह में 2 दिन गुरूवार और शुक्रवार को आने वाले डॉ.आलोक चौरसिया थे लेकिन पर्चा बनाने के लिए ओपीडी पर और दवाई बांटने के लिए कोई फार्मेसिस्ट मौजूद नहीं था, वहीं पदस्थ फार्मेसिस्ट में से संध्या चौरसिया का अन्य अस्पताल में स्थानांतरण हो गया तो जूली पटेल मेटरनिटी लीव पर हैं। साथ ही जो फार्मेसिस्ट अंकिता निगम पदस्थ हैं उसे यहां के लोग पहचानते ही नहीं हैं।
सप्ताह में 2 दिन ही होता है इलाजः
इस मामले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद मरीज रामखिलावन रजक मनकारी, हल्की बाई नाथपुर, किशोरी लाल अहिरवार पड़वाह, मुकेश चौरसिया, उमाशंकर कुशवाहा, शैलेन्द्र मोबाईल, सुनील चौरसिया आदि ने बताया है कि वे इलाज कराने के लिए काफी देर से बैठे हैं लेकिन डॉक्टर अकेले हैं, न तो पर्चा बनाने के लिए कोई है और न दवाएं बांटने के लिए। सूत्रों की मानें तो यहां 1 सप्ताह में मात्र 2 दिन ही इलाज होता है क्योंकि यहां पर पदस्थ डॉक्टर उमराव का ऑपरेशन होने के कारण वे बेड रेस्ट पर हैं।
इनका क्या है कहना :
"आपके माध्यम से जानकारी मिली है, मैं पूरे मामले को दिखवाता हूं और महाराजपुर में मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए भी व्यवस्था करवाता हूं।"
(डॉ. विजय पथौरिया, सीएमएचओ छतरपुर)
"अंकिता निगम महाराजपुर में पदस्थ हैं और जिले में अटैच हैं इसकी जानकारी मुझे नहीं है। अटैचमेंट सीएमएचओ कार्यालय से होता है फिर भी आपके द्वारा मुझे समस्या से अवगत कराया गया है तो मैं जल्दी ही वहां पर फार्मासिस्ट की व्यवस्था करवाता हूं।"
(महेश दीक्षित, खंड चिकित्सा अधिकारी, नौगांव)
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