इंदौर, मध्य प्रदेश। प्रदेश में आगामी दिनों उपचुनावों के पहले दोनो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में शह मात का खेल चल रहा है। कांग्रेस अभी खुल कर मैदान में नही आई है वही भाजपा भी अंदरूनी मैनेजमेंट सुधारने में लगी है। ऐसे में भाजपा के बडे नेता अपने अपने प्रभाव के क्षेत्रों में जाने लगे हैं। इस दौरान कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आने वाले नेताओं का भी स्वागत किया जा रहा है। बदनावर में ऐसे ही एक घटनाक्रम के बाद इंदौर में राजनीतिक समीकरण बदलने लगे है। पहले इंदौर में विधायक रहे भंवरसिंह शेखावत बाद में बदनावर से विधायक रहे है और अभी भी उनका प्रभाव है। बीते दिनों भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा बागी नेता राजेश अग्रवाल को भाजपा में शामिल करवाने के बाद से शेखावत नाराज है। अब उन्हें मनाने के लिए पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघे चर्चा कर रहे हैं।
भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न रही पिछले विधान सभा चुनाव में बदनावर के बागी नेता राजेश अग्रवाल को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा वापस भाजपा में लाए जाने के खिलाफ भाजपा नेता भंवर सिंह शेखावत ने विरोध का बिगुल बजा दिया है। श्री शेखावत के तेवरों को देखकर भाजपा के बड़े नेता भी सकते में हैं। अब शेखावत को मनाने की जवाबदारी वरिष्ठ भाजपा नेता और बदनावर विधानसभा सीट के भाजपा प्रभारी कृष्ण मुरारी मोघे को दी गई है। श्री मोघे ने शेखावत को मनाने के प्रयास प्रारंभ कर दिए। श्री मोघे ने कहा कि उनकी इस मामले में शेखावत से चर्चा हुई है और उम्मीद है कि जल्द ही भी बदनावर में जवाबदारी संभाल लेंगे। श्री मोघे ने कहा कि भंवर सिंह शेखावत की पीड़ा स्वाभाविक है लेकिन वर्तमान हालात में राजेश अग्रवाल के बीजेपी में वापस आने से यहां अनुकूल वातावरण बना है। उन्होनें दावा किया कि बीजेपी सौ प्रतिशत बदनावर सीट जीतेगी क्योंकि यहां राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की अच्छी पैठ है।
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