भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में चुनावी उठापटक जारी है, आने वाले चुनाव के लिए दोनों पार्टी ने कमर कस ली है। चुनावी मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार एक साथ कई मोर्चों पर विरोध झेल रही है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों, चयनित शिक्षकों और करणी सैनिकों के बाद अब निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों ने भी राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजधानी भोपाल में सैंकड़ों जनपद सदस्यों ने 7 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। मानदेय, भत्ता और विकास निधि बढ़ाने व अन्य मांगों को लेकर भोपाल में प्रदेशभर के जनपद सदस्य एक साथ होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है ।
आंबेडकर पार्क में किया विरोध प्रदर्शन :
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शिवराज सरकार के खिलाफ विरोध बढ़ता ही जा रहा है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों, चयनित शिक्षकों और करणी सैनिकों के बाद अब निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों ने भी राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार सुबह मध्य प्रदेश जनपद एकता संगठन के बैनर तले प्रदेशभर के जनपद सदस्य राजधानी भोपाल स्थित आंबेडकर पार्क पहुंचे। यहां उन्होंने शिवराज सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने सरकार के समक्ष सात सूत्रीय मांगों को रखते हुए कहा कि यदि हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो हम प्रदेशभर के सभी जनपद कार्यालयों में ताला लगवा देंगे।
गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना के खिलाफ शिवराज सरकार :
प्रदर्शनकारी एक जनपद सदस्य ने कहा- "ग्राम स्वराज" का परिकल्पना भारत के प्रत्येक गांव को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया था। अगर गाँव नष्ट हो गये तो हिंदुस्तान भी नष्ट हो जायेगा, क्योंकि हिंदुस्तान की असली पहचान भारत का गाँव ही है। इसलिए गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गाँधी जी नें पंचायती राज व्यवस्था को अपनाया था, और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी गांधी जी के सपने को साकार करते हुए पंचायती राज व्यवस्था लागू किया।'
यह सरकार गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना के खिलाफ है। यदि शिवराज सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हम सभी निर्वाचित प्रतिनिधि एकजुट होकर आगामी चुनाव में शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।प्रदर्शनकारी जनपद सदस्य
भोपाल में शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंचायत प्रतिनिधियों की मांगे।
जनपद सदस्य को बैठने के लिए ग्राम पंचायत मे कुर्सी के साथ नेम प्लेट हो।
जनपद सदस्य का मानदेय 1500 रुपए से बढाकर 15 हजार रुपए और भत्ता 10 हजार रुपए किया जाए।
विकाश निधि को 4 लाख से बढाकर 25 लाख किया जाए।
जनपद सदस्य को अपनी विकास निधि का उपयोग जनपद निर्माण एजेंसी द्वारा किया जाना सुनिश्चित हो।
25 लाख से कम की कार्य योजना जनपद सदस्य के लेटर पैड पर स्वीकृति अनिवार्य हो ।
आवास योजना मे 10% सहभागिता जनपद सदस्य की हो।
जनपद सदस्य के मार्गदर्शन में प्रतिमाह जनसमस्या निवारण शिविर क्षेत्रिय कर्मचारियों की उपस्थिति मे संपन्न हो।
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