विधायक त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा लेटर Raj Express
मध्य प्रदेश

पेपरलेस बिजली बिल का मुखर विरोध, विधायक त्रिपाठी बोले: सरकार करे चिंतन अन्यथा विन्ध्य से फूटेगी चिंगारी

ऑनलाइन बिल के नाम पर ग्रामीणों का हो रहा शोषण, जानकारी के अभाव में बिल जमा न होने पर काटे जा रहे कनेक्शन, बिलों में जोड़ दिए जाते हैं सरचार्ज और ब्याज

Shravan Mavai

भोपाल। मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली विभाग द्वारा जारी किए जा रहे बिजली बिलों का मुखर होकर विरोध किया है। विधायक त्रिपाठी ने कहा कि एक तरफ प्रदेश की राजधानी जहां की 90 प्रतिशत आबादी पढ़ी-लिखी है। हर व्यक्ति के पास एंड्रॉयड मोबाइल है, वहां बिजली विभाग के मीटर रीडर घर-घर जाकर लोगों के बिजली के स्पाट बिल उन्हें मौके में निकालकर मुहैया करा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अधिकतर लोग के पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं हैं, साधारण फोन भी नहीं है। शिक्षा का भी अभाव है। वहां ऑनलाइन और पेपरलेस बिजली बिल मैसेज से भेजे जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को उनके बिलो के बारे में जानकारी नहीं हो पाती। ऐसे में दो-तीन माह बीतने पर तमाम तरह के सरचार्ज और ब्याज उसके बिलों में जोड़ दिए जाते हैं और ऐसे में बिल की जानकारी के अभाव में बिल जमा न होने पर विभाग के जिम्मेदार कर्मचारी गांवों में विद्युत कनेक्शन काटने पहुंच जाते हैं और उपभोक्ता को सुविधा विहीन कर देते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का सरेआम शोषण हो रहा है।

विधायक नारायण त्रिपाठी का पत्र

फर्जी बिलों के समाधान की समय-सीमा हो सुनिश्चित

बिजली बिलों के नाम पर हम अपने विन्ध्य की जनता का ऐसा शोषण नहीं होने देंगे। अन्यथा सरकार ऑनलाइन पेपरलेस बिजली बिलों की जगह गांव-गांव, घर-घर बिजली बिलों को लोगों तक पहुंचाए साथ ही फर्जी बिलों के समाधान की समय सीमा सुनिश्चित कर अधिकारियों पर जिम्मेदारियों का निर्धारण करे, अन्यथा ये बिजली बिलों की चिंगारी विन्ध्य से अतिशीघ्र ज्वाला बन बैठेगी।

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