इंदौर। शहर में अत्यधिक यातायात वाले चौराहों पर फ्लाय ओवर ब्रिज का निमार्ण करने के लिए कार्यवाही जारी है। इसमेंं भवंरकुआ चौराहे पर भी निमार्ण कार्य प्रारंभ किया जाना है। इस स्थान पर निमार्ण कार्य के साथ ही यातायात भी चलता रहे इसके लिए बीआरटीएस में अन्य वाहनों के चलने की अनुमति उच्च न्यायालय खण्डपीठ, इन्दौर से मांगी गई थी। इस पर सुरक्षित रखा गया फैसला शुक्रवार को आ गया।
न्यायालय ने इस महत्वपूर्ण निर्णय में भवंरकुंआ फ्लाय ओव्हर बनाने की दिशा में आ रही बाधा को दूर करते हुए इसके निर्माण का रास्ता साफ कर दिया। अपने निर्णय में बीआरटीएस लेन में मिक्स ट्रेफिक को गुजरने की अनुमति दे दी। बीआरटीएस के 700 मीटर के हिस्से में ट्रेफिक डायवर्ट करने की अनुमति प्रदान की। यह अनुमति 18 माह तक वैध रहेगी। इसके अतिरिक्त किसी कारणवश निर्माण में विलम्ब होने पर न्यायालय से पुन: स्वीकृति ली जाना आवश्यक होगी।
अब हो सकेगा निमार्ण प्रारंभ
इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा ने बताया कि भंवरकुंआ चौराहा शहर के व्यस्तम चौराहों में से एक जिस पर दोनो ओर से 1.5 लाख वाहन प्रतिदिन गुजरते है। साथ ही इस क्षेत्र में 3-4 लाख विद्यार्थी निवास करते है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने जो 11 फ्लाय ओव्हर इस शहर में बनाने के निर्देश दिये थे, जिसमें प्रथम फेस में भंवरकुंआ चौराहा फ्लाय ओव्हर बनाये जाने का निर्णय लिया गया। व्यस्तम मार्ग में निर्माण के चलते यह आवश्यक हो गया था कि निर्माण स्थल पर वाहनों की आवाजाही रोकी जा सके। उच्च न्यायालय में इस आशय की याचिका लगाई गई, जिसे शहर के विकास के हित में उच्च न्यायालय द्वारा विकास की दिशा में सकारात्मक निर्णय प्रदान किया, जिससे फ्लाय ओव्हर निर्माण की अवरूद्ध गति को गति मिल सकेगी।
47.27 करोड की लागत, 625 मीटर का ब्रिज
इस फ्लाय ओव्हर की लम्बाई 625 मीटर होकर बीआरटीएस के मार्ग के दोनो ओर 3-3 लेन में बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसकी निर्माण लागत राशि रूपये 47.27 करोड़ है। इसके बन जाने से भंवरकुंआ चौराहे पर खातीवाला टैंक से खण्डवा रोड़ जाने वाला ट्रेफिक सीधा निकल सकेगा एवं बीआरटीएस मार्ग के दोनो ओर ट्रेफिक फ्लाय ओव्हर के माध्यम से निकल सकेगा। श्री चावड़ा ने बताया कि न्यायालय के इस महत्वपूर्ण निर्णय के परिपालन में इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा जाली हटाने का कार्य शुरू किया जा चुका है। शनिवार को अध्यक्ष चावडा अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ भंवरकुंआ चौराहे फ्लाय ओव्हर के निर्माणाधीन कार्य का अवलोकन करने के लिये पहुंचेंगे।
हाईकोर्ट ने बीआरटीएस के 700 मीटर के हिस्से में ट्रेफिक डायवर्ट करने की अनुमति दी
हाईकोर्ट इन्दौर ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में भवंरकुंआ फ्लाय ओव्हर बनाने की दिशा में आ रही बाधा को दूर करते हुए इसके निर्माण का रास्ता साफ कर दिया। न्यायालय ने अपने निर्णय में बीआरटीएस. लेन में मिक्स ट्रेफिक को गुजरने की अनुमति देते हुए बीआरटीएस. के 700 मीटर के हिस्से में ट्रेफिक डायवर्ट करने की अनुमति प्रदान की। यह अनुमति 18 माह तक वैध रहेगी, इसके अतिरिक्त किसी कारणवश निर्माण में विलम्ब होने पर न्यायालय से पुन: स्वीकृति ली जाना आवश्यक होगी।
भंवरकुंआ चौराहा फ्लाय ओव्हर बनाये जाने का निर्णय लिया गया। फ्लाय ओव्हर निर्माण से समय की बचत तो होगी ही, इतने व्यस्तम मार्ग में निर्माण के चलते यह आवश्यक हो गया था कि निर्माण स्थल पर वाहनों की आवाजाही रोकी जा सके।
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था- बीआरटीएस में दूसरे वाहनों को प्रवेश मिलेगा या नहीं, गुरुवार को इस मुद्दे पर हाई कोर्ट ने बहस सुनकर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
दो याचिकाएं दायर की- गौरतलब है कि बीआरटीएस प्रोजेक्ट को लेकर दो जनहित याचिकाएं हाई कोर्ट में चल रही हैं। इन दोनों ही को सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने दायर किया है। हाल ही में आयडीए ने इन याचिकाओं में एक आवेदन देकर कहा कि भंवरकुंआ फ्लाय ओवर के निर्माण की वजह से बीआरटीएस लेन के 700 मीटर हिस्से में अन्य वाहनों की अनुमति दी जाए। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि क्या वे इसके लिए तैयार हैं। कोडवानी ने इसका विरोध करते हुए तर्क रखा है कि बीआरटीएस नगर निगम ने बनाया है। इस पर बसें एआइसीटीएसएल चला रहा है और इसका रखरखाव प्रशासन कर रहा है लेकिन आयडीए ने इन तीनों ही को पक्षकार नहीं बनाया है। इस पर कोर्ट ने इन तीनों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।
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