भोपाल, मध्यप्रदेश। हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद यही है कि आम लोग भी मिट्टी की महत्ता के बारे में जानें और जागरूक हों और समझें कि, मिट्टी का संरक्षण क्यों आवश्यक है। विश्व मृदा दिवस पर CM ने कहा कि मृदा का संबंध सीधे रूप से हमारे भोजन और स्वास्थ्य से है। इसलिए बेहतर भविष्य के लिए धरा को स्वस्थ व समृद्ध बनाएं। हम सभी मिलकर धरती की उर्वरा शक्ति के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लें। बेहतर भविष्य के लिए मिलकर कदम बढ़ाएं, एक पेड़ अवश्य लगाएं।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया ट्वीट
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने ट्वीट कर कहा- यह धरती हमारे जीवन का आधार है। अन्न रूपी जीवन देने वाली इस धरा के ऋण से सम्पूर्ण मानव जाति कभी उऋण न हो सकेगी। World Soil Day पर इस पवित्र धरा की उर्वरा शक्ति को बचाने और श्रेष्ठ संसार के निर्माण में योगदान का संकल्प लें। धरती बचेगी, तो मानव जीवन का उद्धार होगा।
ये है इतिहास :
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने 2002 में हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने की बात कही थी। इसके साथ ही थाइलैंड के नेतृत्व में खाद्य और कृषि संगठन ने भी इसकी औपचारिक स्थापना का समर्थन किया था। दिसंबर 2013 में 68वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 दिसंबर को ये दिवस मनाने का ऐलान किया, इसके बाद 5 दिसंबर, 2014 से विश्व मृदा दिवस मनाया जाने लगा।
विश्व मृदा दिवस, जनसंख्या विस्तार की वजह से बढ़ रही समस्याओं को उजागर करता है। इस वजह से मिट्टी के कटाव को कम करना जरूरी है और इस दिशा में काम करना आवश्यक है, ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मिट्टी का निर्माण विभिन्न अनुपातों में खनिज, कार्बनिक पदार्थ और वायु से होता है। यह जीवन के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इससे पौधे का विकास होता है और यह कई कीड़ों और जीवों के लिए रहने की जगह है। यह भोजन, कपड़े, आश्रय और चिकित्सा सहित चार आवश्यक 'जीवित' कारकों का स्रोत है। इसलिए, मिट्टी का संरक्षण आवश्यक है। इस वजह से मिट्टी के नुकसान के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है।
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