हाइलाइट्स :
शराब के नाम पर चल रही बहस पर MP हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
MP हाईकोर्ट ने कहा- स्कॉच व्हिस्की शिक्षित और समृद्ध वर्ग के लोग पीते है
इंदौर की कंपनी जेके इंटरप्राइजेज के खिलाफ शराब निर्माता कंपनी परनोड रिकार्ड ने अपील दायर की थी
Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश में कई सालों से शराब कंपनियों के बीच बहस चल रही है, ऐसे में शराब के नाम पर चल रही बहस पर MP हाई कोर्ट (High Court) ने बड़ी टिप्पणी की है और कहा- स्कॉच व्हिस्की (Scotch Whisky) शिक्षित और समृद्ध वर्ग के लोग पीते है।
सुनवाई के दौरान MP हाई कोर्ट ने कही ये बात
मिली जानकारी के मुताबिक, मशहूर व्हिस्की ब्रांड ब्लैंडर्स प्राइड, इंपीरियल ब्लू और लंदन प्राइड से जुड़े मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान MP हाई कोर्ट ने कहा कि, स्कॉच व्हिस्की पीने वाले लोग आमतौर पर शिक्षित और समृद्ध वर्ग के होते हैं। "ऐसा आसानी से माना जा सकता है- उत्पादों के अधिकांश ग्राहक शिक्षित होते हैं और उनके पास ब्लैंडर्स प्राइड/इंपीरियल ब्लू और लंदन प्राइड की बोतल में फर्क करने की समझदारी होती है"
इस मामले पर बहस :
बता दें, इंदौर की कंपनी जेके इंटरप्राइजेज के खिलाफ शराब निर्माता कंपनी परनोड रिकार्ड ने अपील दायर की थी और मांग की गई थी कि मध्यप्रदेश की कंपनी को 'लंदन प्राइड' के नाम से शराब बेचने से रोका जाए। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार- शराब निर्माता कंपनी परनोड रिकार्ड ने कई आरोप लगाए थे और कहा- जेके इंटरप्राइजेज ने ‘लंदन प्राइड’ का इस्तेमाल ग्राहकों को धोखा देने के लिए किया है, जबसे ही इस मामले पर बहस छिड़ी हुई है।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस प्रणय वर्मा की डिवीजन बेंच ने की। उच्च न्यायालय ने साफ किया कि स्कॉच व्हिस्की पीने वाले लोग आमतौर पर शिक्षित और समृद्ध वर्ग के होते हैं। जो अलग-अलग ब्रांडों की बोतलों के बीच आसानी से अंतर कर सकते हैं। ऐसा आसानी से माना जा सकता है कि ऐसे उत्पादों के अधिकांश ग्राहक शिक्षित होते हैं और उनके पास ब्लैंडर्स प्राइड/इंपीरियल ब्लू और लंदन प्राइड की बोतल में फर्क करने की समझदारी होती है।
बेंच का कहना:
इंपीरियल ब्लू के मार्क में रंग के संबंध में परनोड रिकार्ड के पास कोई भी रजिस्ट्रेशन नहीं है।
परनोड रिकार्ड के पास ‘ब्लैंडर्स प्राइड’ का रजिस्ट्रेशन है, शब्द ‘प्राइड’ का नहीं।
बेंच का कहना है कि, जेके इंटरप्राइजेज की तरफ से सिर्फ 'प्राइड' शब्द का इस्तेमाल कर लेने से ग्राहक के मन में गलतफहमी या गलत धारणा नहीं हो सकती। साथ ही अदालत ने ट्रायल कोर्ट को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा- परनोड रिकार्ड की तरफ से दाखिल सूट पर 9 महीनों के अंदर फैसला लिया जाए।
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