भोपाल, मध्यप्रदेश। मध्य प्रदेश में जहां घातक महामारी कोरोना के संक्रमित मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं इसके उलट प्रदेश में कई मुद्दों को लेकर राजनीतिक बहस का दौर जारी है इन सबके बीच राजनीति में बयान-बाजी की लहर दौड़ रही है। अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सरकार को घेरते हुए दिया बयान।
एनपी प्रजापति बोले कि जिन लोगों के घर बिजली के कनेक्शन नहीं उनको बिल भेजे जा रहे हैं। इस तरह विधुत कंपनियां सरकार के हाथ से निकल चुकी हैं, कम्पनियां सही काम नहीं कर रही हैं। वहीं मक्का किसान परेशान हैं, मक्का खरीदी के लिए कोई स्पष्ट नीति सरकार ने नहीं बनाई है। सरकार असली मुद्दों से ध्यान हटाने का काम करती है सरकार ने अबतक बीमा कम्पनी का टेंडर नहीं किया है, क्योंकि ज्यादा कमीशन वाली कम्पनी तय नहीं हो पा रही है।
आगे एनपी प्रजापति कहा कि चौथी बार टेंडर जारी हो चुका है सरकार बनाने में भाजपा का बहुत इन्वेस्टमेंट किया है, इसलिए वसूली के लिए परेशान हैं। वही सोयाबीन की फसल अतिवृष्टि से बर्बाद हो गई है लेकिन अबतक भाजपा ने सर्वे नही कराया है और आज ही भाजपा सर्वे की घोषणा कराये और एक हफ्ते के भीतर बीमा कम्पनी से अनुबंध किया जाए। बरसात के कारण सोयाबीन की 40 फीसदी आंकलन है, 20 से 30 फीसदी बारिश के कारण खराब हो चुका है, अन्य फंसले भी खतरे में हैं। पुरानी सरकार का नीतिगत निर्णय जारी रहना चाहिए, किसान कर्जमाफी भाजपा करे, भाजपा किसानों का बकाया कर्जा नहीं चुका सकती तो गद्दी छोड़ दें,100-200 के बिल 20 हजार-35 हजार हो गए।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने आरोप लगाया कि सरकार फसल बीमा देने की बात कर रही हैं, जबकि टेंडर तक नहीं निकाले गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया बिजली कंपनियां मुरैना में जिनके बिल दे रही हैं, उनके यहां कनेक्शन तक नहीं है। प्रजापति ने विद्युत नियामक आयोग को आईएएस अधिकारियों के विस्थापन का स्थान बताया है और कहा है कि केवल बिजली कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए विद्युत नियामक आयोग काम कर रहा है।
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