पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र को मिला नोटिस Social Media
मध्य प्रदेश

सत्ता संघर्ष की लड़ाई में बीजेपी नेताओं पर गाज गिरा रही सरकार

मध्यप्रदेश में हार्स ट्रेडिंग को लेकर चल रही सियासत खलबली मची हुई है पूर्व मंत्री की खदान सीज करने के बाद पूर्व गृह मंत्री को अतिक्रमण हटाने का नोटिस।

Author : Priyanka Yadav

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में हार्स ट्रेडिंग को लेकर चल रही सियासत से खलबली मची हुई है दोनों ही पार्टियों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप के तीर दागे जा रहे हैं। मप्र में चल रहा सियासत का ये महाड्रामा जाने क्या-क्या रंग दिखायेगा, अब इस मामले में प्रदेश सरकार को अस्थिर करने कांग्रेस सहित अन्य विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच भाजपा के पूर्व मंत्रियों पर कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है।

पूर्व मंत्री के बाद पूर्व गृहमंत्री को अतिक्रमण हटाने का नोटिस :

बता दें कि 4 मार्च बुधवार को पूर्व मंत्री की दो खदानें सील की गई थीं। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री रहे और वर्तमान भाजपा विधायक संजय पाठक की दो खदानों को जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने सील करा दी थीं। भाजपा विधायक की निर्मला मिनरल्स के नाम से जबलपुर के सिहोरा क्षेत्र में दो खदानें थी, हार्स ट्रेडिंग के जिम्मेदारों में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भाजपा विधायक संजय पाठक का भी नाम लिया था ।

सरकार का कड़ा रूख, पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र को मिला नोटिस :

वहीं पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को अतिक्रमण हटाने का नोटिस थमाया गया है। दोनों के ही खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने विधायकों को खरीदने के आरोप लगाये थे। एक के बाद अब दूसरे मंत्री के खिलाफ इस तरह की कार्यवाही से प्रदेश की राजनीति में भूचाल सा आ गया है। न्यायालय नायाब तहसीलदार परसोरिया तहसील एवं जिला सागर द्वारा भूपेंद्र सिंह पिता अमोल सिंह निवासी बामोरा के विरुद्ध 4 मार्च बुधवार को ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह को अतिक्रमण हटाने का नोटिस

उल्लेख है कि, राजस्व निरीक्षक परसोरिया हल्का पटवारी बारछा द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत कर लेख किया गया है कि, पटवारी हल्का नम्बर 81 के ग्राम चिटाई के शासकीय खसरा नम्बर 2 एवं 3 रकबा क्रमांक 1.70 हैक्टेयर 0.15 हैक्टेयर जो कि राजस्व अभिलेख में क्रमशः बड़ा झाड़ एवं भू-जल मद में दर्ज है, पर आपके द्वारा फेंसिंग लगा कर, फसल बो कर एवं सेड बनाकर अतिक्रमण किया गया है। जो कि अवैध है एवं मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248(1) के तहत दण्डनीय है।

अतः आप कारण दर्शित करें कि क्यों न आपके विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर विधि अनुसार कार्यवाही करते हुये 1 लाख रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया जाकर उपरोक्त प्रश्नाधीन भूमि से बेदखल करने का आदेश पारित किया जाये।

कोर्ट ने आदेश दिये-

इस मामले में 16 मार्च को स्वयं अथवा अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित होकर अपना जवाब प्रस्तुत करें। अनुपस्थित रहने की स्थिति में विधि अनुसार एकतरफा कार्यवाही करते हुये प्रकरण का निराकरण कर अंतिम आदेश पारित किया जायेगा।

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