भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वर्ष 2021-22 के प्रदेश के बजट में किसी प्रकार के नए कर प्रस्तावित नहीं हैं और न ही किसी भी कर की दर को बढ़ाया गया है।
श्री चौहान ने कहा कि पहली बार डिजिटल स्वरूप में प्रस्तुत हुए बजट के माध्यम से प्रयास यह है कि हम निरंतर सकारात्मक रहते हुए अपना श्रेष्ठ देते रहें। इसी क्रम में राज्यकोषीय घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत है, इसे अगले तीन वर्ष में घटाकर तीन प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार का बजट पहले प्रस्तुत होने की परंपरा बनी है। इससे राज्य को अपना बजट अधिक व्यवहारिक रूप से बनाने में मदद मिली। श्री चौहान ने कहा कि 14वें वित्त आयोग में राज्यों में बंटने वाले केंद्रीय करों में मध्यप्रदेश के लिए तय की गई 7.548 प्रतिशत की हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था। 15वें वित्त आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़ा कर 7.85 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इस बढ़ोत्तरी से वर्ष 2021-22 में प्रदेश को केंद्रीय करों से लगभग 2,000 करोड़ अतिरिक्त राशि प्राप्त होना अनुमानित है। पिछले साल की तुलना में नये वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय में 42 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि हुई है। बजट में सभी जन-हितैषी और विकासोन्मुखी योजनाओं की निरंतरता के लिए आवश्यक प्रावधान रखे गए हैं।
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