इंदौर,मध्य प्रदेश। पूरे देश के साथ ही इंदौर में भी फ्लू के मामले बढ़े हैं। अस्पतालों की ओपीडी और निजी क्लीनिक्स में मरीजों की भीड़ लगी हुई है। फ्लू वायरस H3N2 के लक्षणों वालों कई मरीज इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग या चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अब तक एच3एन2 की जांच के लिए कोई पहल नहीं की गई है। इंदौर से जांच के लिए अब तक एक भी सेंपल भोपाल नहीं भेजे गए हैं।
वहीं कोविड के लक्षण वाले मरीज भी बड़ी संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। लोग स्वयं निजी लैब में आगे होकर जांच करा रहे हैं। इसकी जांच के लिए भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक कोई बड़ी पहल नहीं की गई है। निजी लैब में जो जांच हो रही है, उसमें इक्का-दुक्का कोविड संक्रमित निकल रहे हैं। वर्तमान में डेढ़ दर्जन के करीब एक्टिव केस हैं।
मामलों में आई तेजी से चिंता बढ़ी
देश में एच3एन2 से दो मौतों हो चुकी हैं और संक्रमितों की संख्या सैकड़े के करीब पहुंच गई है। शहर के कंसल्टिंग फिजिशियन एवं एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ अभ्युदय वर्मा के मुताबिक देश में इन्फ्लुएंजा (H3N2 ) वायरस के मामलों में अचानक आई तेजी ने चिंता बढ़ा दी है , देश में पिछले कुछ समय से इन्फ्लुएंजा के रोजाना हजारों मामले सामने आ रहे हैं। ये इन्फ्लूएंजा वायरस का एक प्रकार है जिसे इन्फ्लुएंजा ए वायरस कहा जाता है ये सांस से जुड़ा वायरल संक्रमण है । इसमें तीन से पांच दिन या अधिक तक सर्दी, झुकाम, बुखार रहता है एवं इसके साथ ही लगातार खांसी आती है जो तीन सप्ताह तक रह सकती है। चूंकि यह वायरस एक दूसरे से फैलता है, इसलिए त्योहारों और अन्य आयोजनों में खास ख्याल रखने की जरूरत है।इस वायरस को पहचानने की बात करें तो यह नॉर्मल फ्लू जैसा शुरू होता है इसमें सर्दी , झुकाम, हल्का बुखार आता है।
डायबिटीज, बीपी, हार्ट , अस्थमा , डायलिसिस आदि के मरीज रहे सावधान एचथ्रीएनटू इन्फ्लुएंजा से नुकसान का खतरा अधिक है ये सभी जैसे कोविड में प्रोटोकॉल फॉलो किया था आने वाले दो महीने इस प्रोटोकॉल को फॉलो करें। एहतियात के तौर पर मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोएं, फिजिकल डिस्टेंसिंग रखें , हालांकि इससे बचाव के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है । अपनी प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखनी चाहिए और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचे एवं खुद को हाइड्रेटेड रखने के अलावा मास्क लगाना चाहिए । कुछ समय के लिए सभी को ठंडे पानी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक या तैलीय भोजन के इस्तेमाल से बचना चाहिए और अपनी सेहत, शारीरिक व्यायाम, पौष्टिक आहार और इम्यूनिटी पर ध्यान देना चाहिए।
गुगल ज्ञान से बचकर रहें
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी और छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय लोंढे का कहना है कि एच3एन2 के लक्षण मौसमी सर्दी-खांसी की तरह होते हैं। दिक्कत हो, तो डॉक्टर को दिखाएं और खुद से कोई दवा या एंटीबायोटिक्स का प्रयोग न करें। साथ ही गुगल ज्ञान से बचकर रहें। वैसे तो यह वायरस भी फ्लू के अन्य वायरस की तरह समान्य होता है और इलाज से ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में घातक हो सकता है, इसलिए लापरवाही न बरतें।
हमारे पास सेंपल जांच के लिए नहीं आए
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि एच3एन2 वायरस की जांच भोपाल में ही होगी। हमारे पास अब तक सेंपल स्वास्थ्य विभाग से जांच के लिए नहीं भेजे गए हैं। इस संबंध में सीएमएचओ से जानकारी ले सकते हैं। वहीं सीएमएचओ डॉ. सैत्या से जानकारी चाही गई, तो वो उपलब्ध नहीं हो सके, वैसे जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक एच3एन2 तो दूर कोविड के सेंपलिंग भी नहीं ली जा रही है। एच3एन2 वायरस को लेकर फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार बेफिक्र नजर आ रहे हैं।
जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन के लिए किट नहीं आई
डॉ. संजय दीक्षित ने एक सवाल के जवाब में बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन इंस्टाल हो गई है और स्टाफ की ट्रेनिंग भी हो चुकी है। अभी मशीन ने काम शुरू नहीं किया है। कारण केमिकल और किट अभी नहीं मिली है। उल्लेखनीय है कि कॉलेज में डब्ल्यूएचओ के माध्यम से जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन उपलब्ध हुई है और केमिकल और कीट वही उपलब्ध कराएगा।
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